Bihar SIR: बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) का पहला चरण शनिवार को संपन्न हो गया। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार, इस प्रक्रिया में राज्य के 7.23 करोड़ मतदाताओं के फॉर्म जमा किए गए, जबकि 65.2 लाख वोटरों के नाम सूची से हटाए जाने की तैयारी है। यह अभियान 24 जून से 26 जुलाई तक चला, जिसमें बूथ लेवल अधिकारियों (BLOs), राजनीतिक दलों और स्थानीय निकायों का सहयोग लिया गया।
प्रारूप मतदाता सूची 1 अगस्त को जारी होगी
चुनाव आयोग के अनुसार, अब 1 अगस्त को प्रारूप मतदाता सूची (Draft Electoral Roll) प्रकाशित की जाएगी। इसके बाद 1 से 30 अगस्त तक दावा-आपत्ति (Claims & Objections) दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू होगी। जिन मतदाताओं के नाम सूची में शामिल नहीं हुए हैं, उन्हें निर्धारित फॉर्म भरकर दस्तावेज जमा करने होंगे। यह प्रक्रिया ऑनलाइन और BLO के माध्यम से पूरी की जा सकेगी।
डिजिटल अपलोडिंग और डेटा वेरिफिकेशन
राज्य में 99.8% मतदाताओं ने इस पुनरीक्षण प्रक्रिया में भाग लिया। सभी 7.23 करोड़ फॉर्म डिजिटल रूप से अपलोड किए जा चुके हैं। चुनाव आयोग ने कंट्रोल टेबुल डेटा को अपडेट करने का निर्देश दिया है, ताकि बूथवार मतदाता सूची को अंतिम रूप दिया जा सके।
क्यों कटेंगे 65 लाख वोटर?
चुनाव आयोग के मुताबिक, ये वोटर या तो दिवंगत हैं, डुप्लीकेट एंट्री हैं, या फिर पते बदलने के कारण दूसरे क्षेत्र में शिफ्ट हो चुके हैं। ऐसे मामलों में BLOs और जनता द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर नाम हटाए जा रहे हैं।
आगे की प्रक्रिया क्या है?
- 1 अगस्त: प्रारूप मतदाता सूची जारी
- 1-30 अगस्त: दावा-आपत्ति प्रक्रिया
- सितंबर: अंतिम मतदाता सूची की घोषणा
इस अपडेट के बाद, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मतदाता सूची तैयार हो जाएगी।






















