Tej Pratap Yadav: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और यादव परिवार में एक बार फिर तनाव बढ़ता दिख रहा है। पार्टी और परिवार से दूर चल रहे लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने एक बार फिर विवादित बयान देकर सियासी हलचल बढ़ा दी है। उन्होंने साफ कहा है कि अगर तेजस्वी यादव महुआ सीट से चुनाव लड़ने का फैसला करते हैं, तो वह खुद राघोपुर सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। यह बयान आरजेडी के भीतर नए संकट की शुरुआत कर सकता है, जिससे लालू यादव की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
तेज प्रताप यादव ने हाल ही में महुआ विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। इसी बीच, एक टीवी इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि तेजस्वी यादव के दो सीटों (राघोपुर और महुआ) से चुनाव लड़ने की चर्चा है, तो उन्होंने जवाब दिया कि अगर तेजस्वी महुआ से लड़ेंगे, तो हम भी राघोपुर से लड़ जाएंगे। जब ऐसा माहौल बनेगा, तब देखा जाएगा। राजनीति और परिवार दोनों अलग-अलग हैं।
इस बयान ने आरजेडी के भीतर नए सिरे से तनाव पैदा कर दिया है। तेज प्रताप के इस रुख से साफ है कि वह अब तेजस्वी के सीधे प्रतिद्वंद्वी के तौर पर उतरने को तैयार हैं। यह स्थिति लालू यादव के लिए चिंता का विषय बन सकती है, क्योंकि पार्टी एकजुटता खोने का जोखिम नहीं उठा सकती।
महुआ की जनता राजद प्रत्याशी को हरा देगी – तेज प्रताप यादव
महुआ सीट से आरजेडी के उम्मीदवार पर सवाल उठाते हुए तेज प्रताप ने कहा कि अगर राजद ने यहां से कोई प्रत्याशी उतारा, तो जनता उसे हराकर भेजेगी। महुआ के लोग देख रहे हैं कि यहां मेडिकल कॉलेज, सड़कें और अस्पताल किसकी वजह से बने। हमने लड़कर ये सुविधाएं दिलाईं, वरना यह प्रोजेक्ट कहीं और शिफ्ट हो जाता।
उन्होंने यह भी कहा कि वह परिवार को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अगर दूसरी तरफ से कोई बातचीत नहीं करेगा, तो उनके प्रयासों का कोई फायदा नहीं होगा।
क्यों अहम है महुआ और राघोपुर सीट?
- महुआ सीट: तेज प्रताप ने 2015 में पहली बार यहीं से चुनाव जीता था। हालांकि, 2020 में वह समस्तीपुर के हसनपुर से चुनाव लड़े और जीते। फिलहाल, महुआ से राजद के मुकेश रौशन विधायक हैं।
- राघोपुर सीट: तेजस्वी यादव ने 2015 और 2020 दोनों बार इसी सीट से जीत दर्ज की। वह यहां से बीजेपी के सतीश कुमार को हरा चुके हैं।
अगर तेज प्रताप राघोपुर से चुनाव लड़ते हैं, तो यह सीधे तेजस्वी के लिए चुनौती होगी। ऐसे में, लालू यादव को दोनों बेटों के बीच सुलह करानी पड़ सकती है, वरना आरजेडी को भारी नुकसान हो सकता है।