Bihar Voter List: बिहार, जिसे देश के सबसे अधिक जनसंख्या वृद्धि दर वाले राज्यों में गिना जाता है, वहां मतदाताओं की संख्या में अचानक गिरावट ने राजनीतिक और सामाजिक विश्लेषकों को चौंका दिया है। चुनाव आयोग के ताजा आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 2024 के लोकसभा चुनाव की तुलना में 6.2% और 2020 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले 1.6% कम मतदाता दर्ज किए गए हैं। यह गिरावट 2005 के बाद पहली बार देखी गई है, जब फरवरी और अक्टूबर में हुए दो विधानसभा चुनावों के बीच मतदाताओं की संख्या में 2.5% की कमी आई थी।
निर्वाचन आयोग द्वारा जारी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के तहत एकत्र किए गए 72.4 मिलियन मतदाता फॉर्म, 24 जून को दर्ज 78.9 मिलियन मतदाताओं से 8% कम हैं। हालांकि, अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को जारी होनी है, लेकिन यह आंशिक आंकड़ा भी बिहार के लिए एक बड़ी चुनौती का संकेत देता है।
बिहार में आमतौर पर हर चुनाव के साथ मतदाताओं की संख्या बढ़ती रही है। 1977 से 2024 तक के आंकड़ों में केवल 2005 में ही मतदाता संख्या में गिरावट दर्ज की गई थी। इस बार की गिरावट उससे भी अधिक तेज और बड़ी है।
चुनाव आयोग ने 1 अगस्त से 1 सितंबर तक दावे और आपत्ति की अवधि रखी है, जिसमें नए मतदाताओं को जोड़ा जा सकता है। साथ ही, 1 अक्टूबर तक 18 वर्ष के होने वाले युवाओं को भी सूची में शामिल किया जाएगा। इससे अंतिम आंकड़ों में कुछ सुधार हो सकता है, लेकिन यदि गिरावट बनी रहती है, तो यह बिहार के राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकता है।






















