भारत और इंग्लैंड (IND vs ENG) के बीच खेले जा रहे एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी 2025 का चौथा टेस्ट मैच, जो मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में 23-27 जुलाई 2025 को खेला गया, ड्रॉ रहा। भारतीय टीम ने आखिरी दिन अपनी दूसरी पारी में 6 विकेट बचाकर मुश्किल परिस्थिति में ड्रॉ हासिल किया। शुभमन गिल, रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर की शतकीय पारियों के दम पर भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए चौथे टेस्ट मैच को ड्रॉ करा लिया। कप्तान शुभमन गिल ने इस सीरीज में चार शतक बनाए, जो किसी कप्तान के डेब्यू टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा शतक का रिकॉर्ड है। उन्होंने सर डॉन ब्रैडमैन (1947/48) और सुनील गावस्कर (1978/79) के रिकॉर्ड की बराबरी की। गिल ने अभी तक सीरीज में 722 रन बना चुके है।
भारत ने पहले बल्लेबाजी यशस्वी जायसवाल (58), साई सुदर्शन (61), ऋषभ पंत (54) की पारियों की मदद से 358 रन बनाए। इंग्लैंड की तरफ से बेन स्टोक ने 5 विकेट झटके। जिसके जवाब में इंग्लैंड ने पहली पारी में 669 रन बनाए, जिसमें जो रूट (150) और बेन स्टोक्स (141) के शतकों ने अहम भूमिका निभाई। जडेजा ने 4 विकेट चटकाए।

अंतिम घंटे में, जब यह स्पष्ट हो गया कि मैच ड्रॉ की ओर बढ़ रहा है, बेन स्टोक्स ने जडेजा और सुंदर से जल्दी ड्रॉ पर सहमत होने का प्रस्ताव रखा। हालांकि, जडेजा और सुंदर अपने शतक पूरे करने पर अड़े रहे, जिससे इंग्लैंड के खेमे में कुछ हताशा दिखी। कुछ तीखी बातचीत हुई, और इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने अपनी निराशा जाहिर की। आखिरकार, भारत 425/4 पर पहुंचा, और दोनों टीमें ड्रॉ पर सहमत हुईं। यह दिन भारत की बल्लेबाजी की जुझारूपन और जडेजा-सुंदर की साहसिक साझेदारी के लिए याद किया जाएगा, जिसने स्टोक्स के प्रस्ताव को ठुकराकर न केवल मैच बचाया बल्कि व्यक्तिगत उपलब्धियां भी हासिल कीं।
रविंद्र जडेजा ने चौथे टेस्ट मैच में शानदार प्रदर्शन कर तीसरे टेस्ट की नाकामी को पीछे छोड़ दिया। तीसरे टेस्ट में जहां जडेजा बल्ले से 72 और 61 रनों की नाबाद पारी खेलने का बावजूद भी जीत की दहलीज तक नहीं पहुंचा पाए। कहीं न कहीं वो कसक उनके दिल में रह गई थी। इसके अलावा, उनकी गेंदबाजी में भी किफायती प्रदर्शन देखने को मिला, जिसने इंग्लैंड की पारी को कुछ हद तक नियंत्रित किया। जडेजा की इस ऑलराउंड परफॉर्मेंस ने निश्चित रूप से तीसरे टेस्ट की कसक को कम किया और टीम के ड्रॉ में अहम योगदान दिया।