Bihar Politics: बिहार में CAG की रिपोर्ट के बाद राजनीतिक भूचाल आ गया है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि राज्य सरकार के पास करीब 70 से 71 हजार करोड़ रुपए के खर्च का कोई सटीक विवरण नहीं है। इस वित्तीय अनियमितता को लेकर विपक्ष ने सरकार पर जोरदार हमला बोलना शुरू कर दिया है।

बुधवार को कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, “बिहार के बजट का एक-तिहाई हिस्सा चोरी हो गया, हजम कर लिया गया। ये वही लोग हैं जो हमसे बर्थ सर्टिफिकेट और कागज मांगते हैं, लेकिन खुद यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट नहीं दे पा रहे हैं।”
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वहीं, पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा, “सरकार की खामोशी ही इस घोटाले की पुष्टि करती है।” गुरुवार को इस मुद्दे को और गरमाते हुए पटना की सड़कों पर बड़े-बड़े पोस्टर लगाए गए, जिनमें लिखा है – “CAG का खुलासा, बिहार का महाघोटाला – 71 हजार करोड़”। इन पोस्टरों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा और 10 मंत्रियों की तस्वीरें हैं, साथ ही उनके विभागों में हुई संदिग्ध राशि का उल्लेख किया गया है।
बताया जा रहा है कि यह पोस्टर महागठबंधन की ओर से लगाए गए हैं, जो पटना के प्रमुख चौक-चौराहों पर जनता का ध्यान खींच रहे हैं। इससे साफ है कि यह मुद्दा आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति का प्रमुख चुनावी हथियार बन सकता है।