Bihar Ambulance Scam: जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बिहार सरकार पर एंबुलेंस खरीद में भारी घोटाले का आरोप लगाया है। गुरुवार को पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीके ने दावा किया कि नीतीश सरकार ने 2022 में जहां 19.58 लाख रुपये प्रति एंबुलेंस की दर से खरीदारी की थी, वहीं 2025 में उसी मॉडल की एंबुलेंस 27.47 लाख रुपये में खरीदी गई हैं। यानी महज तीन साल में 7 लाख रुपये प्रति वाहन की बढ़ोतरी पर सवाल उठाते हुए प्रशांत किशोर ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पर सीधे तौर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया।
प्रशांत किशोर के अनुसार, फरवरी 2022 में बिहार सरकार ने 200 करोड़ रुपये के टेंडर में 1000 एंबुलेंस खरीदने का फैसला किया था। इनमें से 466 टाइप-सी एंबुलेंस 19.58 लाख रुपये प्रति यूनिट की दर से खरीदी गई थीं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि अप्रैल 2025 में सरकार ने 222 नई एंबुलेंस खरीदने का ऑर्डर दिया, जिसमें प्रति वाहन की कीमत 27.47 लाख रुपये तय की गई। पीके ने सवाल उठाया कि महज तीन साल में एक ही मॉडल की एंबुलेंस की कीमत में 40% का उछाल कैसे आया?
प्रशांत किशोर ने एक और चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि जिस कंपनी Force Motors से ये एंबुलेंस खरीदी गई हैं, उसकी ऑफिशियल वेबसाइट पर इसी मॉडल की कीमत मात्र 21 लाख रुपये दर्शाई गई है। यानी सरकार ने कंपनी के एमआरपी से भी 6.47 लाख रुपये ज्यादा में एंबुलेंस खरीदी हैं।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पर सीधा निशाना
इस पूरे मामले में प्रशांत किशोर ने बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि मंगल पांडेय के कार्यकाल में बिहार का स्वास्थ्य विभाग भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। उन्होंने आगे तंज कसते हुए कहा कि मंत्री जी अपने लिए घर खरीद रहे हैं, बच्चों का भविष्य संवार रहे हैं, लेकिन बिहार के लोगों के लिए एंबुलेंस भी महंगी खरीद रहे हैं।
प्रशांत किशोर ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की है। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर सरकार के पास जवाब है, तो वह टेंडर के सभी दस्तावेज सार्वजनिक करे। उधर, विपक्षी दल भी इस मामले को लेकर सरकार पर हमलावर हो गए हैं और जल्द ही विधानसभा में इस मुद्दे को उठाने की तैयारी कर रहे हैं।






















