बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास (LJPR) में अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ रही है। छपरा के पूर्व जिलाध्यक्ष दीपक कुमार सिंह सहित 128 कार्यकर्ताओं ने रविवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। दीपक कुमार सिंह ने इस्तीफे के साथ पार्टी सांसद अरुण भारती पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि उनसे पैसे की मांग की जा रही थी। इस मुद्दे पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ने सोमवार को प्रेसवार्ता कर सफाई दी और आरोपों को बेबुनियाद बताया।
किसी के जाने से पार्टी कमजोर नहीं होती
राजू तिवारी ने कहा कि पार्टी हमारे नेता चिराग पासवान के नेतृत्व और चेहरे पर टिकी है। किसी व्यक्ति विशेष के पार्टी छोड़ने से संगठन पर कोई असर नहीं पड़ता। छपरा में हमारा संगठन पहले से मजबूत है और चिराग जी के नाम पर सभाओं में जबरदस्त भीड़ जुटती है। उन्होंने बताया कि दीपक कुमार सिंह को हाल ही में प्रदेश सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उन्होंने कहा कि वे 6 वर्षों तक जिलाध्यक्ष रहे और फिर उन्हें प्रदेश स्तर पर जगह दी गई। यह इस्तीफा व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा और जल्दबाज़ी का परिणाम है।
नीति है, न नीयत, वही फैला रहे भ्रम
राजू तिवारी ने दीपक कुमार सिंह द्वारा जारी इस्तीफा सूची को भी खारिज किया। उन्होंने दावा किया कि जिन नामों का जिक्र लिस्ट में है, वे सभी पार्टी के कार्यकर्ता नहीं हैं। छपरा में एक नया संगठन बन चुका है, जो पूरी तरह सक्रिय है। उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम के लिए चिराग पासवान के चाचा और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के नेता पशुपति पारस पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा। यह भ्रम फैलाने की कोशिश उन्हीं लोगों की है जिनके पास न संगठन है, न नीति और न ही नीयत। कुछ लोग दूसरों की तरक्की से दुखी हैं, यही बीमारी वहां फैल गई है।
कोई पार्टी छोड़ता है, तो तारीफ नहीं करेगा
अरुण भारती पर लगे आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए राजू तिवारी ने कहा कि जो पार्टी छोड़ता है, वो तारीफ नहीं करेगा। सभी कार्यकर्ताओं पर निगरानी रहती है, और काम के आधार पर जिम्मेदारियां दी जाती हैं। दीपक सिंह को भी बड़ी जिम्मेदारी मिली थी, लेकिन उन्होंने समय से पहले निर्णय लिया।






















