बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों को धार देने के लिए कांग्रेस ने एक अहम रणनीतिक पहल की है। पार्टी ने राज्य के हर जिले में पर्यवेक्षकों (ऑब्जर्वरों) की नियुक्ति की है, जिन्हें दो महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं — वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण में जनता की मदद करना और चुनावी ज़मीनी हालात का आकलन करना।
वोटर लिस्ट में सुधार में मदद करेगी कांग्रेस
कांग्रेस के इस अभियान के तहत देशभर से आए पार्टी कार्यकर्ता और पर्यवेक्षक बिहार के अलग-अलग जिलों में पहुंच रहे हैं। वे स्थानीय लोगों से मुलाकात कर वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने, सुधार करवाने और अनावश्यक नाम हटवाने में सहायता करेंगे। किसी भी समस्या की स्थिति में ये ऑब्जर्वर स्थानीय चुनाव अधिकारियों से संवाद कर समाधान का प्रयास करेंगे।
पटना में दी गई ट्रेनिंग
सभी ऑब्जर्वरों को पटना के सदाकत आश्रम में एक विशेष प्रशिक्षण सत्र के दौरान पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी गई। इस मीटिंग में उन्हें उनकी भूमिका, कार्यप्रणाली और अपेक्षित रिपोर्टिंग व्यवस्था को लेकर विस्तार से बताया गया।
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संगठनात्मक स्थिति का भी लेंगे जायज़ा
वोटर लिस्ट के अलावा, कांग्रेस ने इन पर्यवेक्षकों को एक अतिरिक्त राजनीतिक जिम्मेदारी भी सौंपी है। उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने जिलों में कांग्रेस की वर्तमान स्थिति, स्थानीय संगठन की मजबूती, संभावित उम्मीदवारों की लोकप्रियता और चुनावी तैयारियों का आकलन कर उसकी रिपोर्ट पार्टी हाईकमान को सौंपें।
कांग्रेस को उम्मीद, मिलेगी दोहरी मजबूती
पार्टी का मानना है कि इस पहल से एक ओर जनता को वोटर लिस्ट से जुड़ी परेशानियों से राहत मिलेगी, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस को जमीनी स्तर पर संगठन को सशक्त करने और रणनीति तय करने में मदद मिलेगी।






















