Bihar Voter List Controversy: बिहार की सियासत में एक बार फिर वोटर लिस्ट को लेकर बवाल मच गया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भाजपा विपक्षी वोटों में सेंध लगाने के लिए चुनाव आयोग का दुरुपयोग कर रही है और एक ही व्यक्ति के नाम पर दो-दो ईपिक नंबर जारी किए जा रहे हैं।
तेजस्वी यादव ने पत्रकारों के सामने कुछ दस्तावेज दिखाते हुए दावा किया कि मुजफ्फरपुर की मेयर निर्मला देवी और उनके दो रिश्तेदारों के पास एक ही विधानसभा में दो-दो वोटर आईडी हैं। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ स्थानीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि भाजपा से जुड़े बड़े नेताओं तक फैला है। इसी दौरान उन्होंने भाजपा के गुजरात के दिग्गज नेता और बिहार के संगठन प्रभारी भीखूभाई दलसानिया का जिक्र किया और कहा कि वे अब पटना के वोटर बन गए हैं, जबकि हाल ही में उन्होंने गुजरात में अपना वोट डाला था।
तेजस्वी ने कहा कि यह साफ इशारा है कि भाजपा चुनाव जीतने के लिए हर हथकंडा अपना रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले भाजपा सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल करती थी, लेकिन अब सीधे चुनाव आयोग को मोहरा बना दिया गया है। तेजस्वी के मुताबिक, साल 2020 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने वोट की चोरी की थी, जिसके चलते महज 12 हजार वोट के अंतर से उनकी 10 सीटें हार गई थीं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि निर्मला देवी के दो-दो ईपिक नंबर अलग-अलग उम्र के साथ दर्ज हैं। एक वोटर लिस्ट में उनकी उम्र 48 साल है और दूसरी में 45 साल। यही हाल उनके देवर दिलीप कुमार और मनोज कुमार का भी है, जिनके नाम पर भी दो-दो वोटर आईडी मौजूद हैं। तेजस्वी का कहना है कि यह न सिर्फ लोकतंत्र के लिए खतरा है बल्कि चुनावी ईमानदारी पर सीधा हमला है।
गुजरात से जुड़े मामले पर तेजस्वी ने कहा कि भीखूभाई दलसानिया का नाम पहले गुजरात की वोटर लिस्ट में था, जिसे उन्होंने कटवा लिया और अब पटना में वोटर बन गए हैं। तेजस्वी ने सवाल उठाया कि क्या यह नैतिक और कानूनी रूप से सही है कि कोई नेता कुछ ही समय में अलग-अलग राज्यों का वोटर बने।






















