बिहार की राजनीति में इन दिनों उम्र को लेकर चल रही बहस ने नया मोड़ ले लिया है। डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर लगातार तेज होता जा रहा है। ताजा विवाद तब उभरा जब तेजस्वी यादव ने दावा किया कि विजय सिन्हा के दो अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों में उम्र का ब्योरा अलग-अलग दर्ज है।
तेजस्वी के आरोपों के मुताबिक, लखीसराय और पटना के बांकीपुर विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूची में डिप्टी सीएम की उम्र अलग-अलग दिखाई गई है। एक जगह उन्हें 57 साल का बताया गया है तो दूसरी जगह 60 साल का। तेजस्वी ने इसे “आयु घोटाला” और फर्जीवाड़ा करार दिया था।
विजय सिन्हा ने इन आरोपों पर जोरदार जवाब देते हुए बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने अपने मैट्रिक और उच्च शिक्षा की डिग्रियां कैमरे पर दिखाईं और कहा कि सर्टिफिकेट के अनुसार उनकी सही उम्र 58 वर्ष है। डिप्टी सीएम ने स्पष्ट किया कि उनकी उम्र में दर्शाई गई त्रुटि को ठीक करने के लिए उन्होंने पहले ही आवेदन दे रखा है और चुनाव आयोग इस पर काम कर रहा है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में विजय सिन्हा ने तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोलते हुए चुनौती दी कि वे अपनी डिग्री सार्वजनिक करें और उसमें दर्ज अपनी सही उम्र बताएं। उन्होंने सवाल उठाया कि 2015 में तेजस्वी की उम्र 26 साल और तेजप्रताप की उम्र 25 साल कैसे हो सकती है। डिप्टी सीएम ने व्यंग्य करते हुए कहा कि राजद के जंगलराज के युवराज अपनी डिग्री दिखाओ, ताकि पता चल सके कि कैसे बड़े भाई छोटे भाई बन गए।
विजय सिन्हा ने यह भी कहा कि तेजस्वी द्वारा उनकी उम्र को लेकर की गई बयानबाजी पूरी तरह गलत है, जिसके लिए वे उन्हें नोटिस भेजेंगे। साथ ही, उन्होंने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पर राजनीति को अपनी जागीरदारी समझने का आरोप लगाया। विजय सिन्हा ने कहा कि ये 21वीं सदी का बिहार है, दुर्योधन के वंशजों को अब सबक सिखाने का समय है।






















