पटना साहिब विधानसभा में राजनीतिक माहौल इन दिनों खासा गर्म है। 14 जुलाई 2025 को कांग्रेस नेता शशांत शेखर ने “आपका बेटा, आपके द्वार” अभियान की शुरुआत की है, जिसका मकसद विधानसभा के हर घर तक पहुंचकर वहां की असल समस्याओं को दर्ज करना और उनका ठोस समाधान ढूंढना है।
शशांत शेखर का यह कदम केवल एक चुनावी रणनीति नहीं, बल्कि 30 साल से जमी समस्याओं पर सीधा हमला है। उनका कहना है कि पटना साहिब के सात बार के विधायक और राज्य सरकार व भाजपा की प्रदेश इकाई में कई अहम पदों पर रह चुके नंद किशोर यादव के कार्यकाल में भी बुनियादी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। शशांत ने कहा कि अगर राजनीतिक इच्छाशक्ति होती तो ये मुद्दे वर्षों पहले सुलझाए जा सकते थे, लेकिन नीयत की कमी साफ दिखती है।
कॉर्पोरेट नेतृत्व और राजनीति दोनों में अनुभव रखने वाले शशांत ने सैमसंग में काम किया है, सफल उद्यमिता की है और कई राज्यों में राजनीतिक अभियानों की रणनीति बनाई है। उनका मानना है कि चाहे व्यवसाय हो या राजनीति, सफलता की कुंजी संरचना और निरंतरता में है, और यही मॉडल वे पटना साहिब में लागू कर रहे हैं।
इस अभियान में 50 से अधिक स्वयंसेवक और शुभचिंतक रोज़ाना 4-5 घंटे का समय निकालकर घर-घर जाकर दो मुख्य सवाल पूछते हैं—क्या मतदाता सूची से जुड़ी कोई समस्या है और आपके मोहल्ले की प्रमुख समस्याएं क्या हैं? सभी जवाब एक वेब एप्लीकेशन में दर्ज किए जा रहे हैं, ताकि आगे की कार्ययोजना तैयार की जा सके।
अब तक अभियान के तहत 34,872 घरों का सर्वे किया जा चुका है। इनमें 28,110 हिंदू और 6,456 मुस्लिम परिवार शामिल हैं। जातिगत आंकड़ों में 5,041 सामान्य, 15,029 ओबीसी, 8,112 ईबीसी और 7,011 एससी परिवार दर्ज हैं। 5,189 परिवारों ने बताया कि उनके यहां एक या अधिक वयस्क सदस्य अभी तक मतदाता सूची में पंजीकृत नहीं हैं।
मुख्य समस्याओं में पानी की आपूर्ति (11,084), सड़क और गलियां (9,327), राशन (8,041), सफाई (8,232), बिजली (7,118), स्कूलों की कमी (6,072), स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी (5,148) और बेरोजगारी (9,074) सबसे आगे हैं। 18,046 परिवारों ने कहा कि उन्हें कभी अपने विधायक से सीधे मिलने का मौका नहीं मिला। पिछले एक साल में 10,328 परिवारों ने मदद मांगी, जबकि पिछले 30 वर्षों में 12,004 परिवारों ने कम से कम एक बार विधायक से मुलाकात की, लेकिन केवल 1,547 परिवारों की समस्याएं हल हुईं।
शशांत शेखर ने घोषणा की है कि वे वार्ड और मोहल्ला स्तर पर पांच साल की कार्ययोजना तैयार करेंगे, ताकि लंबे समय से अटकी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर हो। उनकी प्राथमिकता पटना सिटी को देश के अन्य विकसित शहरी इलाकों और मुख्य पटना के बराबर लाना है।
जनता से अपील करते हुए शशांत ने कहा कि यह सिर्फ मेरा अभियान नहीं, यह हमारा आंदोलन है। अगर आप मानते हैं कि पटना साहिब बेहतर का हकदार है, तो हमारे साथ खड़े हों। एक-एक समस्या हल करके हम अपने शहर को उसकी खोई हुई पहचान वापस देंगे।






















