Bihar News: बिहार में शराबबंदी के बावजूद अवैध शराब तस्करी के नेटवर्क पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है। पटना ज़ोनल ऑफिस की टीम ने बुधवार को बिहार के मुजफ्फरपुर, हरियाणा के गुरुग्राम, अरुणाचल प्रदेश के नाहरलागुन और नामसाई, तथा झारखंड की राजधानी रांची में एक साथ सात स्थानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई अवैध शराब तस्करी के मुख्य सरगना सुनील भारद्वाज और उसके करीबियों पर केंद्रित है।
अधिकारियों के अनुसार, यह छापेमारी उसी मामले की कड़ी है जिसमें ED पहले ही जांच कर चुकी है और करीब 9.31 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच कर चुकी है। सुनील भारद्वाज पर आरोप है कि उसने बिहार में शराबबंदी कानून के बावजूद राज्य के भीतर और बाहर अवैध तरीके से शराब की तस्करी का संगठित नेटवर्क खड़ा किया था। इस नेटवर्क के जरिए न केवल शराब की खेप राज्य में लाई जाती थी, बल्कि नकली दस्तावेजों और गुप्त रास्तों का इस्तेमाल कर लाखों रुपये का काला धन भी इकट्ठा किया जाता था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वर्तमान छापेमारी में ED को कई अहम दस्तावेज, डिजिटल डेटा और वित्तीय लेनदेन के सबूत मिले हैं, जो इस नेटवर्क के दायरे और पैमाने को उजागर कर सकते हैं। जांच एजेंसी को शक है कि इस रैकेट के तार न सिर्फ बिहार के बाहर के राज्यों से जुड़े हैं, बल्कि इसमें कुछ प्रभावशाली लोगों की संलिप्तता भी हो सकती है।
बिहार में अप्रैल 2016 से लागू पूर्ण शराबबंदी कानून के बाद भी अवैध शराब कारोबार पर पूरी तरह रोक नहीं लग सकी है। आए दिन पुलिस और अन्य एजेंसियां तस्करी के मामलों में गिरफ्तारियां और जब्ती करती हैं, लेकिन सुनील भारद्वाज जैसे नेटवर्क राज्य की कानून व्यवस्था और सरकारी तंत्र के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं।



















