Voter Adhikar Yatra Controversy: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक बयानबाजी अपने चरम पर है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप की जंग तेज होती जा रही है। इसी कड़ी में बिहार सरकार के मंत्री संजय सरावगी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोला है।
संजय सरावगी ने कहा कि विपक्ष की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ असल में जनता के अधिकारों की लड़ाई नहीं बल्कि “उम्मीदवार चयन यात्रा” है। उनका आरोप है कि तेजस्वी यादव इस यात्रा के जरिए खुद को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करवाना चाहते हैं, जबकि राहुल गांधी इस मंच से खुद को प्रधानमंत्री पद का दावेदार साबित करने की कोशिश कर रहे हैं।
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सरावगी ने हाल ही में रोहतास की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने रेणु देवी के परिवार का नाम मतदाता सूची से काटे जाने का दावा किया था। लेकिन जांच में पता चला कि यह दावा पूरी तरह झूठा था और किसी भी परिवार का नाम नहीं काटा गया था। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को इस मामले में जनता से माफी मांगनी चाहिए।
मंत्री ने कांग्रेस पर बूथ कैप्चरिंग और चुनावी धांधली का पुराना इतिहास होने का आरोप लगाया। उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस से जुड़े नेता कीर्ति आजाद ने खुद मीडिया में स्वीकार किया था कि उनके समय में बूथ कैप्चरिंग होती थी। सरावगी ने कहा कि शहाबुद्दीन जैसे अपराधियों ने भी बूथ लूटने का काम किया और आज वही लोग लोकतंत्र बचाने की बात कर रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विपक्षी दल चुनाव आयोग जैसे संवैधानिक संस्थानों को बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं। उनका कहना है कि ये वही दल हैं जो चुनाव हारने पर ईवीएम को खराब बताते हैं, और चुनाव जीतने पर चुप रहते हैं।
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संजय सरावगी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि इनकी यात्रा में भीड़ जुटने का मतलब यह नहीं कि सभी लोग इनके वोटर हैं। जैसे सर्कस में लोग जोकर को देखने जाते हैं, वैसे ही भीड़ इकट्ठा हो जाती है। उन्होंने विपक्ष के इतिहास को याद करते हुए कहा कि कांग्रेस और राजद का अतीत पशुपालन घोटाला, चारा घोटाला और फर्जी वोटरों से चुनाव जीतने से भरा पड़ा है। विपक्षी दलों को पता है कि नवंबर के बाद उनका क्या हश्र होने वाला है, इसलिए वे पहले से ही ‘वोट चोरी’ का नैरेटिव गढ़कर जनता को गुमराह कर रहे हैं।






















