कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी इन दिनों अपनी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ (Voter Adhikar Yatra) को लेकर बिहार के दौरे पर हैं। 21 अगस्त को वह मुंगेर पहुंचे, जहां उनके साथ राजद नेता तेजस्वी यादव, भाकपा-एमएल के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) प्रमुख मुकेश सहनी और महागठबंधन के अन्य प्रमुख नेता भी मौजूद रहे। दो दिनों तक चलने वाली इस यात्रा में राहुल गांधी रोड शो और जनसभा के जरिए लोगों से सीधा संवाद करेंगे।
यात्रा की शुरुआत से पहले राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर देश के मतदाताओं से सवाल किया – “जो सरकार वोट चोरी से बनी हो, क्या उसका इरादा कभी जनसेवा हो सकता है?” उनके इस सवाल ने न सिर्फ राजनीतिक हलकों में बहस छेड़ दी है बल्कि बिहार की सियासत को भी गर्मा दिया है।
राहुल गांधी ने बेरोजगारी, महंगाई, पेपर लीक, रेल हादसों, हिंसा, नोटबंदी और किसान आंदोलन जैसे मुद्दों को गिनाते हुए केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उनका कहना है कि सरकार ने युवाओं, छात्रों, किसानों और आम जनता की तकलीफों को नजरअंदाज किया है क्योंकि उसका भरोसा चुनावों में वोट पर नहीं बल्कि “वोट चोरी” पर है। उन्होंने लिखा कि जब सरकार जनता की चुनी हुई न हो तो उसे लोगों के दुख-दर्द की परवाह नहीं रहती।
कांग्रेस नेता ने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए साफ-सुथरी वोटर लिस्ट बेहद जरूरी है। यदि वोट की सुरक्षा नहीं होगी, तो बाकी सारे अधिकार भी कमजोर हो जाएंगे। उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे अपने मताधिकार का सही इस्तेमाल करें और ऐसी सरकार चुनें जो सचमुच जनता की हो और उसके प्रति जवाबदेह भी हो।






















