Bihar Politics: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रवार को बिहार दौरा पूरी तरह चुनावी रंग में नजर आया। गया से लेकर बेगूसराय तक पीएम मोदी ने जनता को 13,000 करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं की सौगात दी। उन्होंने गया से विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया, वहीं बेगूसराय को औंटा-सिमरिया पुल का तोहफा मिला। यह पुल लंबे समय से जनता की मांग रहा है और इसके शुरू होने से पूरे क्षेत्र के यातायात और व्यापार को नई दिशा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

औंटा-सिमरिया पुल के उद्घाटन के बाद पीएम मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहली बार एक मंच पर साथ दिखे। दोनों नेताओं ने पुल से लोगों का अभिवादन किया। नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया और उन्हें धन्यवाद देते हुए कहा कि यह पुल बिहार के विकास का नया अध्याय लिखेगा। इस दौरान खास नजारा तब दिखा जब पीएम मोदी और नीतीश कुमार पुल पर पैदल चलते हुए जनता का अभिवादन स्वीकार कर रहे थे। पीएम मोदी ने पारंपरिक अंदाज में गमछा लहराकर जनता का अभिवादन किया और वहां मौजूद भीड़ में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला।

हालांकि, प्रधानमंत्री का रोड शो राजनीतिक दृष्टि से चर्चा का विषय बन गया। गया में पीएम मोदी ने रोड शो किया लेकिन उनके साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहीं दिखे। चुनावी साल में पीएम का अकेले रोड शो करना विपक्ष और राजनीतिक विश्लेषकों के बीच सवाल खड़ा कर रहा है कि क्या बीजेपी और जेडीयू के रिश्तों में दूरी बढ़ रही है या यह केवल रणनीतिक संदेश है।
बेगूसराय में पीएम मोदी ने औंटा-सिमरिया पुल का किया उद्घाटन.. सीएम नीतीश भी साथ
गया में आयोजित जनसभा में पीएम मोदी ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और विपक्ष पर तीखे हमले किए। उन्होंने कहा कि “बिहार की धरती से लिया गया संकल्प कभी खाली नहीं जाता।” उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए दावा किया कि पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल हमलों को भारत ने धूल चटा दी। इसके साथ ही पीएम मोदी ने संविधान संशोधन पर विपक्ष को घेरा और कहा कि अगर कोई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री जेल जाता है तो वह पद पर बने रहने का हकदार नहीं है।





















