Bihar RJD Crisis: बिहार की राजनीति में इस समय सबसे बड़ी चर्चा राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से विधायकों के पलायन की है। नवादा से विधायक विभा देवी और रजौली से विधायक प्रकाशवीर यादव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गया रैली में मंच साझा करते दिखे, जिसके बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पहले भी पार्टी से चार विधायक जा चुके हैं और अगर दो और चले भी जाते हैं, तो इससे पार्टी को कोई नुकसान नहीं होगा।
मंगनी लाल मंडल ने कहा कि आरजेडी का जनाधार मजबूत है और 2020 विधानसभा चुनाव में 78 विधायक जीतकर आए थे। उनमें से कुछ विधायक प्रलोभन में आकर पार्टी छोड़ चुके हैं, लेकिन संगठन और जनता का भरोसा कायम है। उन्होंने साफ किया कि जो विधायक पार्टी से अलग हो गए हैं, उन्हें दोबारा टिकट नहीं मिलेगा, लेकिन इससे आरजेडी की सियासी जमीन कमजोर नहीं होगी।
मंडल ने नवादा विधायक विभा देवी और उनके पति पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव पर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि हाल ही में रेप केस में बरी हुए राजबल्लभ यादव को सरकार का सहयोग मिला और यही वजह रही कि वे बरी हो सके। बावजूद इसके लालू यादव ने विभा देवी को टिकट दिया था और जनता ने उन्हें विधायक बनाया। लेकिन अब पार्टी छोड़ना उनकी राजनीतिक सुविधा का परिणाम है।
गौरतलब है कि साल 2024 की शुरुआत में ही आरजेडी के चार विधायक सत्ता परिवर्तन के बाद एनडीए में शामिल हो गए थे। इनमें प्रह्लाद यादव, नीलम देवी, चेतन आनंद और संगीता कुमारी का नाम शामिल है। इनमें से कुछ को भाजपा ने संगठन में भी अहम भूमिका दी। अब दो और विधायकों के NDA खेमे में जाने से बिहार की सियासत में नए समीकरण बनने के संकेत मिल रहे हैं।
हालांकि, आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल का दावा है कि इन घटनाओं से पार्टी की ताकत और जनाधार पर कोई असर नहीं होगा। उनका कहना है कि “यह सीटें आरजेडी की रही हैं और रहेंगी। जनता हमारे साथ है, कुछ विधायकों का पलायन पार्टी के भविष्य को नहीं डिगा सकता।”






















