बिहार में कथित ‘वोटचोरी’ के खिलाफ राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की “वोटर अधिकार यात्रा” का पहला हफ़्ता पूरा हो चुका है। यात्रा में खूब भीड़ उमड़ रही है। बीते रविवार को सासाराम से शुरू हो कर यह यात्रा दक्षिण बिहार के औरंगाबाद, गया, नवादा होते हुए नालंदा, शेखपुरा, लखीसराय, मुंगेर, भागलपुर के रास्ते कटिहार, पूर्णिया, अररिया यानी सीमांचल के इलाके में पहुंची।

दूसरे और आखिरी हफ्ते में यह यात्रा सुपौल, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, चंपारण, गोपालगंज, सिवान, छपरा होते हुए आरा में ख़त्म होगी। एक सितंबर को पटना के गांधी मैदान में बड़ी रैली होगी। अगले हफ़्ते प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव जैसे बड़े नेता भी यात्रा में शामिल होंगे।
वोट अधिकार यात्रा के पहले चरण को खत्म करने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पटना लौट आए। पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए तेजस्वी ने कहा कि यह यात्रा ऐतिहासिक साबित हो रही है और जनता का अपार समर्थन मिल रहा है। उन्होंने दावा किया कि इस यात्रा से भाजपा और चुनाव आयोग की असलियत लोगों के सामने आ गई है।

तेजस्वी यादव से जब यह सवाल पूछा गया कि राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री पद पर उनके नाम को लेकर सीधा जवाब क्यों नहीं दिया, तो उन्होंने इस सवाल को अनदेखा कर दिया और कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
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यात्रा को लेकर तेजस्वी ने कहा कि 26 अगस्त से मिथिलांचल में वोट अधिकार यात्रा का नया चरण शुरू होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह आंदोलन लोगों के अधिकारों और लोकतंत्र की रक्षा के लिए है, और जनता अब भाजपा की नीतियों को अच्छी तरह समझ चुकी है।






















