आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी और हाल ही में अपनी सक्रिय सियासी मौजूदगी से चर्चा में आईं रोहिणी आचार्य (Rohini Acharya) पटना पहुंचीं। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कई अहम बातें कही। बिहार मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य को लेकर रोहिणी आचार्य ने तंज कसते हुए कहा कि बिहार की सियासत में हालात कुछ ऐसे हैं कि “जो जिंदा है उसे मृत बताया जा रहा है और जो मृत है उसे जिंदा बताया जा रहा है।” उनके इस बयान ने राजनीतिक हलकों में नए कयासों को जन्म दे दिया है।

तेज प्रताप यादव के हालिया बयान पर, जिसमें उन्होंने अकेले चुनाव लड़ने की बात कही थी, रोहिणी आचार्य ने स्पष्ट कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को चुनाव लड़ने का अधिकार है। उनके इस रुख से साफ है कि वह परिवार के भीतर चल रही संभावित मतभेद की चर्चाओं को ज्यादा तूल नहीं देना चाहतीं और इसे सामान्य राजनीतिक अधिकार की तरह देख रही हैं।
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नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार के राजनीति में आने की चर्चा पर रोहिणी ने सकारात्मक रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि निशांत उनके साथ ही खेले, पढ़े और बड़े हुए हैं और अगर वह राजनीति में आते हैं तो यह स्वागत योग्य कदम होगा। रोहिणी ने कहा कि राजनीति में युवाओं का आना जरूरी है, खासकर वे युवा जो जनता की सेवा करने की नीयत रखते हैं।





















