Voter Adhikar Yatra: बिहार की सियासत में मंगलवार का दिन कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के लिए बेहद खास रहा। सुपौल से शुरू हुई वोटर अधिकार यात्रा ने पूरे इलाके की सियासी हवा गर्म कर दी। यात्रा की शुरुआत सुबह करीब 9 बजे हुई और देखते ही देखते सड़कों पर कार्यकर्ताओं का सैलाब उमड़ पड़ा। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी एक ही गाड़ी पर नजर आए, दोनों नेताओं ने लगातार हाथ हिलाकर जनता का अभिवादन किया। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी भी इस यात्रा का हिस्सा बने।
सुपौल में जहां कांग्रेस और महागठबंधन कार्यकर्ताओं का जोश चरम पर था, वहीं सड़क किनारे लगी भीड़ से साफ जाहिर हो रहा था कि जनता इस यात्रा में गहरी दिलचस्पी ले रही है। कांग्रेस वर्करों ने हाथों में झंडे और पोस्टर थामे नारे लगाए और बार-बार “वोट चोरी नहीं होने देंगे” का संकल्प दोहराया। बिहार कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर तस्वीरें साझा करते हुए लिखा कि बिहार की जनता इस यात्रा को ऐतिहासिक बना रही है और अब किसी भी हाल में मतदाताओं का हक छिनने नहीं दिया जाएगा।
राहुल और प्रियंका का रोड शो महज राजनीतिक प्रदर्शन नहीं बल्कि जनता के वोटर अधिकार की लड़ाई के तौर पर प्रचारित किया जा रहा है। खास बात यह रही कि प्रियंका गांधी पहली बार मिथिलांचल की सड़कों पर अपने भाई राहुल गांधी के साथ नजर आईं। झंझारपुर, मोहना चौक से लेकर कन्हौली तक सड़कों पर उनके स्वागत में जगह-जगह पोस्टर, तोरण द्वार और बैनर लगाए गए थे। महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव भी मंच पर मौजूद रहे, जिससे कार्यकर्ताओं का जोश और बढ़ गया।
यात्रा का अगला पड़ाव मधुबनी के फुलपरास में लंच ब्रेक के रूप में तय किया गया, जिसके बाद शाम 4 बजे झंझारपुर से यात्रा दोबारा शुरू हुई। कांग्रेस के इस बड़े राजनीतिक आयोजन को बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं के मन में भरोसा जगाने की कवायद माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, यह यात्रा आने वाले चुनावों में विपक्षी गठबंधन के लिए जनसमर्थन जुटाने का अहम साधन साबित हो सकती है।






















