बिहार की सियासत में मतदाता अधिकार यात्रा अब चुनावी बहस का केंद्र बन चुकी है। कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु (Krishna Allavaru) ने दावा किया है कि इस यात्रा को हर वर्ग से जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि लोग अब यह समझने लगे हैं कि वोट चोरी का सीधा अर्थ है उनके लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकारों की चोरी। यही कारण है कि गांव से लेकर शहर तक, बड़े-बुजुर्ग ही नहीं बल्कि बच्चे भी इस यात्रा में उत्साह से जुड़ रहे हैं।
कृष्णा अल्लावरु ने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि “वोट चोरी के ज़रिए सत्ता में आने वाली सरकार कभी जनता के लिए काम नहीं कर सकती। अगर मोदी जी वोट चोरी कर सत्ता में नहीं आते, तो उन्हें ट्रंप के सामने झुकना और युद्धविराम पर सहमत होना नहीं पड़ता। आज जनता पर जो भारी टैक्स और टैरिफ़ का बोझ डाला जा रहा है, वह करदाताओं की गाढ़ी कमाई से वसूला जा रहा है।” उन्होंने यह भी कहा कि जब तक भाजपा वोट चोरी की राजनीति से सत्ता में आती रहेगी, तब तक बिहार के किसान, युवा और आम लोग किसी लाभ से वंचित रहेंगे और आने वाली पीढ़ियों का भविष्य खतरे में रहेगा।
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मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर उन्होंने कहा कि महागठबंधन इस पर सामूहिक चर्चा करेगा और उसके बाद ही औपचारिक घोषणा की जाएगी। फिलहाल प्राथमिकता जनता के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा है, न कि राजनीतिक पदों पर बहस।
इसी बीच, बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने भी यात्रा को लेकर तीखा बयान दिया। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन राजनीतिक लाभ के लिए नहीं है, बल्कि यह जनता के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की लड़ाई है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग अब तक राहुल गांधी द्वारा प्रस्तुत वोट चोरी के सबूतों पर कोई जवाब नहीं दे पाया है। यही कारण है कि अब जनता को भरोसा हो गया है कि इंडिया ब्लॉक सच बोल रहा है और उन्हें उनके मताधिकार से वंचित किया जा रहा है।






















