बिहार की सियासत इन दिनों ‘वोट अधिकार यात्रा’ (Voter Adhikar Yatra) के इर्द-गिर्द सिमटती नजर आ रही है। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की इस यात्रा ने 12वें दिन नया मोड़ ले लिया। गुरुवार को उनका काफिला सीतामढ़ी से पूर्वी चंपारण के मोतिहारी पहुंचा। इस दौरान उनके साथ राजद नेता तेजस्वी यादव और वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी भी खुले जीप पर नजर आए। तीन बड़े नेताओं का यह साझा रोड शो जनसमर्थन का बड़ा संकेत माना जा रहा है। जगह-जगह पर उमड़ी भीड़ और समर्थकों का उत्साह यह दिखाता है कि यात्रा ने बिहार में गहरी राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है।
दिन की शुरुआत राहुल गांधी ने सीतामढ़ी के प्रसिद्ध जानकी मंदिर से की। यहां उन्होंने माता सीता की पूजा-अर्चना की और जनता से आशीर्वाद लेने का संदेश दिया। मंदिर परिसर में जहां एक ओर उनके स्वागत में जयकारे लगे, वहीं कुछ स्थानों पर जय श्रीराम और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे भी सुनाई दिए। यह दृश्य बताता है कि बिहार की सियासी जंग अब सीधी टक्कर की ओर बढ़ रही है।
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राहुल गांधी ने यात्रा के दौरान अपने संबोधन में कहा कि उन्हें बिहार में वोटर अधिकार यात्रा करने में सबसे अधिक आनंद आ रहा है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में ऐसा माहौल देखने को नहीं मिला, लेकिन बिहार के लोग राजनीति को लेकर बेहद समझदार और सजग हैं। उन्होंने जनता से अपील की कि वोट चोरी के खिलाफ यह आंदोलन केवल एक यात्रा नहीं बल्कि लोकतंत्र को बचाने की निर्णायक लड़ाई है।
मोतिहारी पहुंचने पर राहुल गांधी और तेजस्वी यादव का जोरदार स्वागत हुआ। समर्थकों की भीड़ इतनी अधिक थी कि कई बार यात्रा का काफिला थम गया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह दृश्य महागठबंधन की एकजुटता और जनता के बीच उसकी स्वीकार्यता का संदेश देता है। वहीं भाजपा और एनडीए के लिए यह चुनौती की तरह है, क्योंकि यात्रा का हर पड़ाव विपक्षी एकजुटता की तस्वीर को और स्पष्ट कर रहा है।
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राहुल गांधी की इस यात्रा का आज रात का पड़ाव पश्चिम चंपारण के बेतिया में रहेगा। लगातार बढ़ती भीड़ और जनता की सक्रिय भागीदारी से साफ है कि यह अभियान आने वाले चुनावी समीकरणों को गहराई से प्रभावित कर सकता है। अब देखना होगा कि इस यात्रा से पैदा हुआ माहौल एनडीए के गढ़ माने जाने वाले इलाकों में भी विपक्ष के लिए नई संभावनाएं खोलता है या नहीं।






















