पूर्वी चंपारण से शुरू हुई कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की वोटर अधिकार यात्रा (Voter Adhikar Yatra) अब पश्चिम चंपारण की धरती पर जनजागरण का संदेश देती दिखाई दे रही है। गुरुवार की देर रात जब यात्रा मझौलिया थाना क्षेत्र के श्रीनगर बॉर्डर पर पहुंची तो महागठबंधन कार्यकर्ताओं ने फूल-मालाओं और बैंड-बाजों के साथ नेताओं का भव्य स्वागत किया। कार्यकर्ताओं का उत्साह साफ झलक रहा था, मानो यह यात्रा सिर्फ एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं बल्कि लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए जनांदोलन का रूप ले चुकी हो।
NDA सम्मेलन में बड़ा हंगामा.. बक्सर में बड़े नेताओं के सामने ही भिड़ गए कार्यकर्ता, रोकना पड़ा भाषण
काफिला रात में बेतिया पहुंचा और चनपटिया स्थित कुड़िया कोठी के पुराने चीनी मिल परिसर में रुका। शुक्रवार सुबह आठ बजे यात्रा ने दोबारा रफ्तार पकड़ी और बेतिया के हरिमटका चौक पहुंचकर गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस दौरान राहुल गांधी ने महात्मा गांधी को नमन करते हुए लोकतंत्र और जनाधिकार की रक्षा का संदेश दिया। इसके बाद यात्रा नौतन होते हुए गोपालगंज की ओर रवाना हो गई।

यात्रा में जगह-जगह महागठबंधन के समर्थकों ने स्वागत द्वार, बैनर-पोस्टर और जनसभा जैसी तस्वीर पेश की। कांग्रेस, राजद, वीआईपी और वामपंथी दलों के कार्यकर्ता सड़क किनारे जुटे। स्थानीय नेताओं ने दावा किया कि यह यात्रा किसानों, युवाओं और गरीब तबकों की आवाज़ को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का बड़ा प्रयास है।
Bihar Politics: कांग्रेस किसी का अपमान नहीं करती.. बीजेपी के आरोप पर पवन खेड़ा ने दिया जवाब
हालांकि, इस दौरान एक अप्रिय घटना भी हुई जब भीड़ के बीच तेजस्वी यादव का हाथ गाड़ी के गेट में फंस गया। उन्हें हल्की चोट आई, लेकिन उन्होंने बिना रुके यात्रा में हिस्सा जारी रखा। समर्थकों ने इस जज्बे की सराहना करते हुए नारे लगाए।

29 अगस्त की सुबह यात्रा का नज़ारा और भी खास रहा जब 100 घोड़ों का काफिला, हाथी और ऊंट इसमें शामिल हुए। यात्रा एक सांस्कृतिक और राजनीतिक महाकुंभ का रूप लेती दिखी। सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने 400 जवानों की तैनाती की है। इसी दौरान कांग्रेस नेता अभिषेक रंजन ने राहुल गांधी को नीली पगड़ी पहनाकर उनका सम्मान किया।
काफिला वर्तमान में बेतिया शहर में है और छावनी रोड, सुप्रिया रोड, रेलवे स्टेशन चौक से होते हुए गोपालगंज की ओर अग्रसर है। कांग्रेस सांसद तनुज पुनिया को इस यात्रा का प्रभारी बनाया गया है। यह यात्रा 1 सितंबर को पटना पहुंचकर संपन्न होगी।






















