बिहार की राजनीति में शुक्रवार को बेतिया से शुरू हुई वोटर अधिकार यात्रा ने माहौल को गरमा दिया है। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हरिवाटिका चौक स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर इस यात्रा की शुरुआत की। गांधी प्रतिमा पर श्रद्धांजलि देने के बाद यात्रा जब आगे बढ़ी तो स्थानीय कार्यकर्ताओं और आम लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी, जिसने इसे महज एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं बल्कि एक जनांदोलन का रूप दे दिया।
Rahul Gandhi-Tejashwi Yadav Voter Adhikar Yatra में जनसैलाब.. Betiah से Gopalganj तक उमड़ा समर्थन
यात्रा की खासियत रही विपक्षी एकजुटता का शक्ति प्रदर्शन। राहुल गांधी के साथ मंच पर तेजस्वी यादव, दीपंकर भट्टाचार्य, मुकेश साहनी, सचिन पायलट और पप्पू यादव जैसे महागठबंधन के बड़े नेता मौजूद रहे। इन नेताओं की साझा मौजूदगी ने यह साफ संकेत दिया कि आने वाले चुनाव में विपक्ष का फोकस सिर्फ सत्ता परिवर्तन नहीं बल्कि मतदाता अधिकारों की रक्षा और चुनावी पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।
यात्रा बेतिया के मोहर्रम चौक, जनता सिनेमा चौक, सागर पोखरा और इमली चौक से होती हुई नौतन तक पहुंची और इसके बाद गोपालगंज की ओर रवाना हुई। हर चौक-चौराहे पर कार्यकर्ताओं और समर्थकों की भीड़ ने नेताओं का स्वागत किया। कई स्थानों पर स्वागत द्वार, बैनर और पोस्टरों ने इसे महागठबंधन की एकजुटता और जनसमर्थन का प्रतीक बना दिया।

भाकपा-माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में बदलाव की लहर है और इस बार राज्य में महागठबंधन की सरकार बनेगी। वहीं आरजेडी सांसद मनोज झा ने इसे सिर्फ किसी पार्टी या नेता की यात्रा न बताते हुए कहा, “यह अब हर बिहारी की यात्रा बन गई है। यह यात्रा लोकतंत्र और मतदाता अधिकारों की रक्षा के लिए है और इससे आने वाले समय में बिहार और पूरे देश में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।”
इस मौके पर कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने चुनाव आयोग को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि वोटर लिस्ट में गड़बड़ी पर गंभीर सवाल उठते हैं। उन्होंने याद दिलाया कि राहुल गांधी ने कर्नाटक और अन्य राज्यों में मतदाता सूचियों की अनियमितताओं को तथ्यात्मक प्रमाणों के साथ उजागर किया है। पायलट ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग पारदर्शिता से बच रहा है और वोटर लिस्ट को सार्वजनिक करने के बजाय गड़बड़ियों को छुपाने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए जरूरी है कि वोटर लिस्ट की दोबारा जांच हो और चुनाव निष्पक्ष हों।






















