दरभंगा में वोटर अधिकार यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की गई अभद्र टिप्पणी ने सियासी टकराव को और गहरा दिया है। इसी मुद्दे को लेकर आज पटना में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस कार्यालय के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया, जो देखते-ही-देखते हिंसक झड़प में बदल गया। भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट और पत्थरबाज़ी हुई, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।

झड़प के बाद दोनों दलों के नेताओं ने एक-दूसरे पर जमकर निशाना साधा। भाजपा नेता नितिन नवीन ने कहा कि बिहार का हर बेटा मां के अपमान का जवाब कांग्रेस को देगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यह अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और कांग्रेस को जनता करारा जवाब देगी। दूसरी ओर, कांग्रेस कार्यकर्ता डॉ. आशुतोष ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा मुद्दों से भटकाने की राजनीति कर रही है और सत्ता में बैठे लोग ऐसे टकराव को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने नीतीश कुमार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि सरकार की चुप्पी से यह सब संभव हो रहा है।

यह घटना ऐसे समय हुई है जब बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हैं और सियासी बयानबाज़ी अपने चरम पर है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं न सिर्फ सियासी माहौल को गरमा रही हैं बल्कि समाज में वैचारिक ध्रुवीकरण को भी बढ़ावा दे रही हैं। दरभंगा की टिप्पणी को लेकर भाजपा इसे भावनात्मक अपील का मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है, वहीं कांग्रेस इसे राजनीतिक नाटक करार दे रही है।
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बिहार मंत्री संजय सरावगी ने कहा, “ये कांग्रेस की गुंडागर्दी है। हम लोग तो शांतिपूर्ण मार्च निकाल रहे थे लेकिन ये लोग 2005 का जो गुंडागर्दी वाला बिहार था आज उसी बिहार को लाने की कोशिश कर रहे हैं। हमारे कई कार्यकर्ता घायल हुए हैं। 2005 का बिहार बनाना चाहते हैं लेकिन ये NDA का बिहार है।






















