पटना में शुक्रवार को उस समय राजनीतिक माहौल और गरम हो गया जब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ‘वोटर अधिकार यात्रा’ (Voter Adhikar Yatra) में शामिल होने के लिए बिहार पहुंचे। एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में अखिलेश ने बीजेपी पर तीखा हमला बोला और दावा किया कि जिस तरह उत्तर प्रदेश के अवध क्षेत्र से भाजपा को सत्ता से बाहर किया गया, उसी तरह अब बिहार के मगध क्षेत्र से भाजपा को हटाना तय है। उन्होंने कहा कि “बीजेपी का बिहार से पलायन निश्चित है और जनता ने इस यात्रा के जरिए यह संदेश साफ कर दिया है।”

अखिलेश यादव ने जोर देकर कहा कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की इस संयुक्त यात्रा ने बिहार की जनता को जागरूक करने का काम किया है और इसकी गूंज पूरे देश में सुनाई दे रही है। उन्होंने कहा कि बिहार में इस बार जनता की आवाज एक नई राजनीतिक धारा का संकेत दे रही है, जो सीधा भाजपा के खिलाफ खड़ी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के मंच से की गई टिप्पणियों को लेकर उठे विवाद पर भी अखिलेश यादव ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं की भाषा पर सवाल क्यों नहीं उठते? “क्या यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भाषा सबने नहीं सुनी? क्या लोगों से वोट का अधिकार छीनना अपमान नहीं है?” अखिलेश ने जोर देते हुए कहा कि संविधान ही भारत की सबसे बड़ी ताकत है और समय आने पर यही संविधान तलवार की तरह भाजपा के खिलाफ खड़ा होगा।

सपा प्रमुख ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा आम जनता के सम्मान की रक्षा करने के बजाय उनके अधिकार छीन रही है। उन्होंने कहा कि “क्या वोट चुराना जनता का अपमान नहीं है? भाजपा को अमेरिकी राष्ट्रपति से गुस्सा होना चाहिए, जिन्होंने टैरिफ लगाकर उनके मुंह पर झटका दिया है।” इसके साथ ही अखिलेश ने चुनाव आयोग पर भी निशाना साधा और कहा कि आयोग अपनी निष्पक्ष भूमिका से भटक कर भाजपा सरकार का “जुगाड़ आयोग” बन गया है।






















