बिहार की राजनीति एक बार फिर भावनात्मक और संवेदनशील मुद्दे पर सुलग उठी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां पर की गई अभद्र टिप्पणी को लेकर राज्य के सियासी गलियारों में तीखी प्रतिक्रियाएं जारी हैं। इसी क्रम में जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने पीएम मोदी के हालिया भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “हम बिहारवासी शर्मिंदा हैं, आदरणीय प्रधानमंत्री जी।”
पीएम मोदी का भाषण सुनकर रोने लगे दिलीप जायसवाल.. बोले- मां को गाली पूरे बिहार का अपमान
संजय झा ने दरभंगा से जारी बयान में कहा कि मिथिला जैसी पवित्र और सांस्कृतिक धरोहर से संपन्न भूमि पर किसी की स्वर्गीय मां के लिए गालियों का इस्तेमाल किया जाना नीचता की पराकाष्ठा है। उन्होंने कहा कि यह न केवल प्रधानमंत्री मोदी की व्यक्तिगत पीड़ा है, बल्कि देश की सभी माताओं और बहनों का अपमान है। झा ने कहा कि मिथिला की धरती मां जानकी की प्राकट्य भूमि है, जहां की पहचान मधुर बोल और समृद्ध संस्कृति है। ऐसे में गाली-गलौज जैसी हरकतें इस परंपरा को कलंकित करती हैं। उनका विश्वास है कि बिहार और मिथिला की जनता इस कुकृत्य का उचित जवाब देगी।

हालांकि इस मुद्दे पर राजद ने पलटवार करते हुए भाजपा को भी कठघरे में खड़ा कर दिया। राजद प्रवक्ता चितरंजन गणन ने कहा कि किसी भी मां के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल घृणित है और ऐसे व्यक्तियों को सामाजिक स्तर पर बहिष्कृत किया जाना चाहिए। लेकिन उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि भाजपा इस मुद्दे पर सच में गंभीर होती तो खुद अपने नेताओं की भाषा पर लगाम लगाती।

चितरंजन ने उदाहरण देते हुए कहा कि राजनीति में “हाइब्रिड”, “जर्सी गाय”, “कांग्रेस की विधवा”, “सुरपनखा”, “मुजरा” जैसे शब्दों का प्रयोग भाजपा नेताओं ने विपक्ष की महिलाओं के लिए किया है। यहां तक कि विधानसभा में तेजस्वी यादव की मां और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को गाली देने पर सत्ता पक्ष के विधायकों ने मेज थपथपाकर समर्थन भी किया। राजद प्रवक्ता ने कहा कि “मां किसी की भी हो, मां तो मां होती है।” इसलिए दोहरे मानदंड नहीं अपनाए जाने चाहिए।






















