पटना। बिहार में शिक्षा व्यवस्था को और पारदर्शी बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। राज्य में करीब 5.97 लाख शिक्षक कार्यरत हैं, जिनमें से बड़ी संख्या लंबे समय से स्थानांतरण की मांग कर रही थी। अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस संबंध में अहम फैसला लेते हुए शिक्षा विभाग को अंतर जिला स्थानांतरण की सुविधा शुरू करने का निर्देश दिया है। इस सुविधा के लिए विशेष पोर्टल तैयार किया गया है, जहां शिक्षक अपने तीन पसंदीदा जिलों का विकल्प भर सकेंगे।
राज्य में अब तक लगभग 1.90 लाख शिक्षकों ने ऑनलाइन स्थानांतरण के लिए आवेदन किया था। इनमें से करीब 98 हजार शिक्षकों का ऐच्छिक स्थानांतरण और 32 हजार का पारस्परिक स्थानांतरण सफलतापूर्वक हो चुका है। इसके बावजूद हजारों शिक्षक ऐसे हैं जो अब भी अपने गृह जिले या सुविधाजनक स्थान पर पदस्थापन चाहते हैं। यही वजह है कि सरकार ने अंतर जिला स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया है।
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आवेदन प्रक्रिया 5 सितंबर से शुरू होगी और 13 सितंबर 2025 तक चलेगी। इसके बाद 14 से 18 सितंबर 2025 के बीच जिला आवंटन की प्रक्रिया मुख्यालय स्तर से पूरी की जाएगी। हालांकि, जिलों के अंदर विद्यालय आवंटन का अंतिम निर्णय जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति करेगी। यह समिति विद्यालयों की रिक्त सीटों, छात्र-शिक्षक अनुपात और शैक्षणिक जरूरतों को ध्यान में रखकर शिक्षकों की तैनाती सुनिश्चित करेगी।
गौरतलब है कि यह सुविधा उन शिक्षकों के लिए नहीं होगी जिन्होंने पहले ही पारस्परिक स्थानांतरण (Mutual Transfer) का लाभ लिया है। इसका सीधा अर्थ यह है कि सरकार चाहती है कि स्थानांतरण प्रक्रिया में संतुलन बना रहे और हर जिले में शिक्षक-छात्र अनुपात बिगड़े नहीं।






















