पिपरा विधानसभा क्षेत्र पूर्वी चंपारण जिले में पड़ता है और यह पूर्वी चंपारण (लोकसभा) निर्वाचन क्षेत्र का ही एक हिस्सा भी है। 2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिश के बाद पिपरा विधानसभा सीट में चकिया (पिपरा) तेतरिया और मेहसी सामुदायिक विकास केंद्र को शामिल किया गया। 2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिश के बाद पिपरा विधानसभा सीट को अनूसूचित जाति के लिए रिजर्व सीट से बाहर कर दिया गया और इसे सामान्य सीट घोषित कर दिया गया। साथ ही यह पहले मोतिहारी लोकसभा सीट के अंतर्गत आती थी लेकिन अब पूर्वी चंपारण संसदीय सीट के तहत आ गई।
राजनीतिक इतिहास
1957 में पिपरा विधानसभा सीट पर पहली बार चुनाव हुए थे। अब तक हुए 15 चुनावों कोई भी नेता यहां से दो बार से ज्यादा नहीं जीत सका है। इस सीट पर अबतक हुए 15 चुनावों में पांच बार कांग्रेस, तीन बार भाजपा और सीपीआई, दो बार जनता दल, एक-एक बार राजद और जदयू ने जीत दर्ज की। पांच बार जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस 1985 के बाद यहां कभी नहीं जीती। पिपरा विधानसभा सीट पर शुरुआत में सीपीआई का दबदबा रहा। बाद में कांग्रेस और जनता दल के उम्मीदवार जीते। 2000 में आरजेडी तो 2005 में पहली बार बीजेपी के कृष्ण नंदन पासवान यहां से जीते। 2005 से इस सीट पर एक बार जदयू और भाजपा का ही कब्ज़ा हैं।
पिछले चुनाव के नतीजे
2020 में हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी श्याम बाबू प्रसाद यादव यहां से विधायक बने, 2020 में पिपरा में कुल 44.18 प्रतिशत वोट पड़े। 2020 में भारतीय जनता पार्टी से श्यामबाबू प्रसाद यादव ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के राजमंगल प्रसाद को 8177 वोटों के मार्जिन से हराया था।
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2015 में हुए विधानसभा चुनाव की बात करे तो भाजपा के टिकट पर श्यामबाबू प्रसाद चुनाव जीते। उन्हें कुल 65,552 (38.00%) वोट मिला, जबकि दूसरे नंबर रहे जदयू के कृष्णा चंद्र को कुल 61,622 (35.72%) वोट मिला। 2015 में इस सीट पर कुल 57.70 प्रतिशत वोटिंग हुई थी।
2010 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू के अवधेश प्रसाद कुशवाहा को 40,099 वोट मिले थे जबकि दूसरे स्थान पर रहे राष्ट्रीय जनता दल के सुबोध यादव को 28,212 वोट। कांग्रेस यहां चौथे स्थान पर रही थी।
जनसंख्या:
पिपरा विधानसभा में अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या लगभग 53,936 है जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 15.89% है। एसटी मतदाता लगभग 136 हैं जो लगभग 0.04% है। मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 41,072 है जो मतदाता सूची विश्लेषण के अनुसार लगभग 12.1% है। वहीं, ग्रामीण मतदाताओं की संख्या लगभग 307,256 है जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 90.52% है और शहरी मतदाताओं की संख्या लगभग 32,178 है जो लगभग 9.48% है।






















