Bihar Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी हैं। इसलिए सभी दल अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप देने में जुट गए हैं। महागठबंधन खेमे में भी हलचल तेज है और अब इसकी ताकत और बढ़ गई है। शनिवार, 6 सितंबर को पटना स्थित नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के आवास पर हुई अहम बैठक में कांग्रेस, राजद, वीआईपी, वामदलों के साथ-साथ दो नए दलों के शामिल होने पर सहमति बनी। सूत्रों के अनुसार, हेमंत सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) को महागठबंधन में जगह मिल गई है। इस फैसले के साथ महागठबंधन की सियासी तस्वीर और बड़ी हो गई है।
अब तक महागठबंधन में राजद, कांग्रेस, वीआईपी और वामपंथी दल शामिल थे। JMM और RLJP के जुड़ने से दलों की संख्या आठ हो जाएगी। यह कदम महागठबंधन की चुनावी रणनीति के लिए बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि इन दोनों दलों का वोट बैंक सीमावर्ती इलाकों में प्रभाव डाल सकता है। हेमंत सोरेन ने हाल ही में वोटर अधिकार यात्रा में लालू यादव का आशीर्वाद लेकर बिहार की जनता से तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने की अपील की थी। दूसरी ओर, कुछ दिन पहले पशुपति पारस ने तेजस्वी यादव से मुलाकात कर महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा जताई थी। इन राजनीतिक संकेतों को अब आधिकारिक मुहर मिल गई है।
सीट बंटवारे को लेकर भी खाका लगभग तैयार हो चुका है। सूत्रों के मुताबिक, 15 सितंबर को महागठबंधन औपचारिक तौर पर सीट शेयरिंग फॉर्मूला का ऐलान करेगा। पिछली बार 2020 के चुनाव में राजद ने 144 सीटों पर, कांग्रेस ने 70 पर और वामदलों ने 29 सीटों पर चुनाव लड़ा था। उस समय वीआईपी महागठबंधन का हिस्सा नहीं थी। इस बार वीआईपी 60 सीटों की मांग कर रही है, जबकि वामदल 40 सीटों पर दावा जता रहे हैं। JMM और RLJP के आने से समीकरण और जटिल हो गए हैं। अब देखना यह होगा कि महागठबंधन किस तरह नए साथियों को खुश रखते हुए सीट बंटवारे का संतुलन साधता है।






















