Mahagathbandhan Seat Sharing: बिहार की सियासत में सीट बंटवारे को लेकर महागठबंधन (Mahagathbandhan) में खींचतान तेज हो गई है। तेजस्वी यादव की अध्यक्षता में हुई कोऑर्डिनेशन कमिटी की बैठक में कांग्रेस और राजद के बीच सीट शेयरिंग को लेकर लंबी चर्चा चली। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस ने इस बार 66 सीटों पर दावा ठोका है। 2020 में कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था और अब चार सीट कम करने को तैयार है, लेकिन राजद इस प्रस्ताव पर राजी नहीं दिख रही है।
राजद से जुड़े विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस को इस बार 50 से 55 सीटों में ही संतोष करना होगा। उनका तर्क है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ 19 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि 27 सीटों पर वह दूसरे नंबर पर रही थी। इस प्रदर्शन को देखते हुए कांग्रेस का 46 से 50 सीटों का दावा ही मजबूत माना जा सकता है। हालांकि, राजद अधिकतम 56 सीटें देने पर विचार कर सकती है।
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राजद की दलील है कि गठबंधन में कांग्रेस के अलावा पशुपति कुमार पारस, मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी और हेमंत सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा जैसी सहयोगी पार्टियों को भी सीटें देनी होंगी। ऐसे में बड़ी पार्टियों को अपने हिस्से की सीटें छोड़नी ही पड़ेंगी, वरना सहयोगियों को नाराजगी झेलनी पड़ सकती है। यही वजह है कि राजद कांग्रेस को ज्यादा रियायत देने के मूड में नहीं है।
बैठक में शामिल सभी दलों ने यह स्वीकार किया कि एनडीए के खिलाफ लड़ाई में महागठबंधन की सबसे बड़ी ताकत उसकी एकजुटता है। लेकिन यह भी सच है कि सीट बंटवारे पर खींचतान अगर लंबी खिंचती है तो विपक्षी गठबंधन को नुकसान हो सकता है।






















