Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन और एनडीए दोनों ही खेमों में सीट शेयरिंग को लेकर रस्साकशी तेज हो गई है। महागठबंधन में लगातार बैठकें हो रही हैं, लेकिन सीटों की संख्या, चेहरों की भूमिका और “किसे कौन सीट मिले” का समीकरण अभी तक तय नहीं हो पाया है। दूसरी ओर एनडीए में भी घटक दल अपनी ताकत दिखाते हुए ज्यादा सीटों की मांग कर रहे हैं। यह खींचतान साफ संकेत दे रही है कि चुनाव से पहले गठबंधन के भीतर मतभेद और दबाव की राजनीति और गहराने वाली है।
Parihar Vidhansabha Seat: बीजेपी के गढ़ में क्या महागठबंधन लगा पाएगी सेंध
इसी बीच लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने भी अपनी आक्रामक सियासी रणनीति से हलचल मचा दी है। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान बिहार में पूरे दमखम से उतरने की तैयारी कर चुके हैं। उनकी पार्टी के सांसद अरुण भारती ने एक्स पर चिराग के समर्थन में तीखा बयान जारी किया। उन्होंने लिखा – “एक चिराग के रोशन होते ही, बहुत सारे फ्यूज बल्ब विलुप्त होने के डर से हैलोजन वैपर लाइट बनना चाहते हैं।” यह टिप्पणी सिर्फ कविता नहीं, बल्कि एनडीए और महागठबंधन के लिए पासवान फैक्टर की याद दिलाने वाला संदेश भी है।
अरुण भारती ने 2020 के विधानसभा चुनाव की राजनीति को भी याद किया। उन्होंने लिखा कि कार्यकर्ता ही पार्टी की असली ताकत हैं और उनकी उम्मीद होती है कि उन्हें भी जनता की सेवा करने का अवसर मिले। गठबंधन धर्म के कारण जब यह संभव नहीं हो सका तो लोजपा ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला लिया। परिणामस्वरूप पार्टी केवल एक सीट जीत पाई, लेकिन 137 सीटों पर 6% वोट हासिल करना कोई मामूली उपलब्धि नहीं थी। अरुण भारती का दावा है कि अगर पूरी 243 सीटों पर चुनाव लड़ा जाता तो यह प्रतिशत 10% से ज्यादा होता।

2020 ने यह साफ कर दिया कि बिहार की राजनीति में अकेले चुनाव लड़ने का दम केवल लोजपा ने दिखाया। यही वजह है कि 2025 के चुनावी समर में पासवान फैक्टर एक बार फिर से बड़ी भूमिका निभा सकता है। जहां महागठबंधन अपने जातीय समीकरण और सीटों की संख्या में उलझा है, वहीं एनडीए को भी यह तय करना होगा कि पासवान को कितना महत्व देना है। अगर पासवान को नजरअंदाज किया गया तो यह फैसला सियासी समीकरणों पर बड़ा असर डाल सकता है।
बिहार की राजनीति में पासवान परिवार का प्रभाव और चिराग पासवान की आक्रामक शैली यह बता रही है कि 2025 का चुनाव केवल एनडीए बनाम महागठबंधन तक सीमित नहीं रहेगा। इस बार “पासवान फैक्टर” हर सीट पर समीकरण बिगाड़ने और बनाने की क्षमता रखता है।






















