बेलसंड विधानसभा सीट (Belsand Vidhansabha) की इतिहास बेहद रोचक हैं। यह वही सीट हैं जहां से रघुवंश प्रसाद सिंह लगातार तीन बार विधायक बने थे। इस सीट पर आज तक भाजपा ने कमल नहीं खिला पाया है। मौजूदा समय में यहां पर राजद के संजय कुमार गुप्ता विधायक है।
राजनीतिक इतिहास
सीतामढ़ी जिले की बेलसंड विधानसभा की सीट को पहचान रघुवंश प्रसाद सिंह से मिली। वो यहां से साल 1977, 1980, 1985 और 1995 में विधायक चुने गए। हालांकि, रघुवंश प्रसाद सिंह हर चुनाव में नई पार्टी के निशान पर मैदान में उतरे और जीते। पहली बार वो जनता पार्टी, दूसरी बार जनता पार्टी सोशलिस्ट, तीसरी बार लोकदल और चौथी बार जनता दल के टिकट पर चुनकर विधानसभा पहुंचे थे।
Sitamarhi Assembly Seat पर इस बार कौन मारेगा बाजी.. दिलचस्प रहा है चुनावी इतिहास
1996 में रघुवंश प्रसाद सिंह के लोकसभा में जाने के बाद हुए उप-चुनाव में समता पार्टी वृषिन पटेल को यहां से जीत मिली थी। 2015 के विधानसभा चुनाव में जदयू की सुनीता सिंह तीसरी बार यहां से विधायक बनी। उन्होंने लोजपा के निसार अहमद को करीब चार हजार वोटों से हराया था। 2010 में सुनीता जदयू के टिकट पर जबकि फरवरी 2005 में लोजपा के टिकट पर जीती थीं। अक्टूबर 2005 में राजद के संजय गुप्ता ने सुनीता सिंह को हराया था।
इस सीट पर अब तक 16 बार चुनाव हुए हैं। इनमें तीन-तीन बार कांग्रेस और प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, दो-दो बार राजद, जदयू, और एक-एक बार लोजपा, समता पार्टी, जनता दल, लोकदल, जनता पार्टी सेक्युलर और जनता पार्टी ने यहां से जीत दर्ज की है। बेलसंड उन सीटों में शामिल है जहां भाजपा को आज तक जीत हासिल नहीं हो सकी है।
पिछले चुनाव के नतीजे
2020 में हुए विधानसभा चुनाव में बेलसंड सीट पर राजद संजय कुमार गुप्ता ने जीत हासिल की, उन्हें कुल 49,682 (35.71%) वोट मिला, दूसरे नंबर पर रही जेडीयू की सुनिता सिंह चौहान को 35,997 (25.87%) वोट मिला। इस चुनाव में रालोसपा प्रत्याशी ठाकुर धर्मेंद्र सिंह तीसरे स्थान पर रहे। वही, इस सीट पर 2020 में कुल 52.5% वोटिंग हुई।
2015 में हुए विधानसभा चुनाव में महागठबंधन बनाम राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन(एनडीए) की लड़ाई में जीत महागठबंधन की हुई थी। सुनीता सिंह चौहान ने एनडीए के सहयोगी दल लोक जनशक्ति पार्टी के प्रत्याशी मोहम्मद नासिर अहमद को हराया था। इस चुनाव में जेडीयू को 33,785 वोट मिले थे, वहीं नासिर अहमद को 28,210 वोट हासिल हुए थे। इस साल कुल 18 लोगों ने चुनाव लड़ा था जिनमें 3 महिलाएं थीं। कुल 52.04 फीसदी लोगों ने वोट डाला था।
2010 में हुए विधानसभा चुनाव में जदयू प्रत्याशी सुनीता सिंह को ही जीत मिली थी। तब उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल के प्रत्याशी संजय कुमार सिंह को मात दी थी। लगातार 2 बार के विधानसभा चुनावों में यहां जेडीयू को सत्ता हासिल हुई। दूसरे नंबर पर रहे राजद के संजय कुमार गुप्ता को 18,559 (19%) वोट मिला।
जातीय समीकरण और जनसंख्या
इस सीट पर मुस्लिम, यादव और राजपूत वोटर लगभग बराबर ही हैं। रविदास और पासवान निर्णायक भूमिका में हैं। मुस्लिम और यादव वोटरों का गठजोड़ यहां परल राजद के लिए पिछले चुनाव में असरदार साबित नहीं हुआ था। 2010 की तुलना में 2015 में यहां वोटिंग प्रतिशत बढ़ा था। 2010 में इस सीट पर 49.5% वोट पड़े थे और 2015 में 52% वोटिंग हुई थी। बेलसंड विधानसभा में अनुसूचित जाति के मतदाता लगभग 38,164 हैं, जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 14.35% है। अनुसूचित जनजाति के मतदाता लगभग 106 हैं, जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 0.04% है। यहां मुस्लिम मतदाता लगभग 41,754 हैं, जो मतदाता सूची विश्लेषण के अनुसार लगभग 15.7% है।






















