Bihar Special Trains: त्योहारों का मौसम आते ही ट्रेनों में टिकट मिलना सबसे बड़ी चुनौती बन जाती है। खासकर छठ पूजा, दिवाली और दुर्गा पूजा जैसे अवसरों पर लाखों लोग अपने घर लौटना चाहते हैं, लेकिन सीटों की भारी कमी से उन्हें परेशानी उठानी पड़ती है। झारखंड, बंगाल और दक्षिण भारत से आने वाले यात्रियों को हर साल इस समस्या का सामना करना पड़ता है। इसी भीड़ और असुविधा को देखते हुए भारतीय रेलवे ने इस बार बड़ा कदम उठाया है।
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने जानकारी दी कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने इस वर्ष बिहार के लिए कुल 12,739 विशेष ट्रेनें चलाने का निर्णय लिया है। यह संख्या पिछले साल 2024 की तुलना में लगभग दोगुनी है, जब 7,500 से अधिक ट्रेनें चलाई गई थीं। उन्होंने बताया कि इनमें से 8,591 ट्रेनों की अधिसूचना पहले ही जारी हो चुकी है। उपमुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा कि यह फैसला उन लाखों प्रवासियों के लिए राहत लेकर आया है, जो हर साल दिवाली और छठ जैसे त्योहारों में अपने परिवार से मिलने घर लौटते हैं।
सम्राट चौधरी ने इस कदम को ऐतिहासिक बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय बिहार के साथ-साथ देशभर के यात्रियों के लिए सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।

रेलवे के आँकड़ों के अनुसार इस बार विशेष ट्रेनों का संचालन कई जोनों में होगा। सबसे ज्यादा ट्रेनें साउथ सेंट्रल रेलवे द्वारा चलाई जाएंगी, जिसमें 48 ट्रेनें कुल 684 ट्रिप पूरी करेंगी। इसका फायदा विशेष रूप से हैदराबाद, सिकंदराबाद और विजयवाड़ा जैसे बड़े रूट्स पर यात्रियों को मिलेगा। वहीं, ईस्ट सेंट्रल रेलवे 14 विशेष ट्रेनों का परिचालन करेगा जो 588 फेरे लगाएंगी। इन विशेष ट्रेनों के जरिए पटना, गया, दरभंगा और मुजफ्फरपुर जैसे प्रमुख शहर सीधे देश के अन्य हिस्सों से जुड़ेंगे।
त्योहारों के दौरान 21 सितंबर से 30 नवंबर तक इन ट्रेनों का परिचालन होगा। इससे न केवल बिहार आने-जाने वाले यात्रियों को सुविधा होगी, बल्कि अन्य राज्यों में भीड़ का दबाव कम होगा। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम बिहार में भाजपा के लिए सकारात्मक संदेश भी देगा, क्योंकि छठ पूजा और दिवाली के अवसर पर बिहार की जनता को मिली यह सुविधा सीधे आम लोगों के जीवन से जुड़ी है।






















