जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने गुरुवार को हथुआ के सबेया एयरपोर्ट मैदान से बिहार की राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी। ‘बदलाव सभा’ को संबोधित करते हुए उन्होंने जनता से अपील की कि अब वे वोट नेताओं के चेहरे देखकर नहीं बल्कि बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखकर दें। तीन साल से लगातार बिहार के गांव-गांव का दौरा कर रहे PK ने कहा कि “56 इंच सीना” के नारे पर वोट देने वाली जनता के बच्चों का सीना 15 इंच का रह गया है, तन पर कपड़ा और पैरों में चप्पल तक नहीं है।
प्रशांत किशोर ने जनता से तीखे सवाल किए कि क्या वे आने वाले समय में भी केवल नारों और चेहरों के भरोसे वोट करेंगे या बच्चों की शिक्षा और रोजगार के मुद्दे को प्राथमिकता देंगे। उन्होंने लालू प्रसाद यादव का उदाहरण देते हुए कहा कि चाहे उनका बेटा पढ़ाई में कमजोर रहा हो, लेकिन वे उसे राजनीति में स्थापित करने में कामयाब हुए। जबकि बिहार के पढ़े-लिखे लाखों युवाओं को नौकरी तक नहीं मिल रही है।
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सभा में PK ने बड़े वादे करते हुए ऐलान किया कि दिसंबर 2025 से राज्य के हर 60 वर्ष से ऊपर पुरुष और महिला को 2000 रुपये मासिक पेंशन दिया जाएगा। साथ ही, 15 साल से कम उम्र के बच्चों को निजी स्कूलों में मुफ्त पढ़ाई कराने का खर्च सरकार वहन करेगी। उन्होंने कहा कि जब तक सरकारी स्कूलों की स्थिति सुधरेगी नहीं, तब तक गरीब का बच्चा भी अंग्रेजी माध्यम में पढ़ सकेगा।
युवाओं के रोजगार पर बोलते हुए उन्होंने दावा किया कि यह बिहार की बदहाली की आखिरी दिवाली और छठ होगी। आने वाले समय में गोपालगंज सहित पूरे बिहार के करीब 50 लाख युवाओं को 10 से 12 हजार रुपये मासिक की आमदनी बिहार में ही उपलब्ध कराई जाएगी और उन्हें बाहर पलायन नहीं करना पड़ेगा।
सियासी हमले में भी PK पीछे नहीं रहे। तेजस्वी यादव के ताजा बयान का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि “अगर नीतीश कुमार अपराध और भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह हैं तो तेजस्वी यादव दुर्योधन हैं। लालू-तेजस्वी ने ही बिहार को अपराध और भ्रष्टाचार की दलदल में फंसाया। तेजस्वी का इस विषय पर बोलना वैसा ही है जैसे शेर लोगों को शाकाहार का पाठ पढ़ाए।”






















