बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इसी क्रम में गुरुवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल दिल्ली स्थित निर्वाचन सदन पहुंचा और मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार समेत शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने आयोग के समक्ष कई महत्वपूर्ण सुझाव और आपत्तियां दर्ज कराईं।
राजद की ओर से मुख्य रूप से यह मांग रखी गई कि बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में संपन्न हों और पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी होने के बाद ही इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की गिनती की जाए। पार्टी ने तर्क दिया कि इससे पारदर्शिता बनी रहेगी और मतगणना प्रक्रिया पर किसी तरह का सवाल नहीं उठेगा।
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बैठक में राजद ने चुनाव आयोग को एसआईआर (विशेष प्रशासनिक रिपोर्ट) के संदर्भ में अपनी चिंताओं से भी अवगत कराया। पार्टी नेताओं ने कहा कि हाल ही में बिहार प्रशासनिक सेवा से नव-प्रोन्नत अधिकारियों को जिला पदाधिकारी (DM) के रूप में तैनात किया जा रहा है, जो निष्पक्ष चुनाव पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर सकता है। राजद ने आयोग से आग्रह किया कि इन नियुक्तियों पर रोक लगाई जाए ताकि चुनाव पूरी तरह स्वतंत्र और निष्पक्ष रह सके।
करीब ढाई घंटे चली इस बैठक में राजद नेताओं ने विभिन्न पहलुओं पर अपनी राय रखी। प्रतिनिधिमंडल में राज्यसभा सांसद प्रोफेसर मनोज झा, सांसद सुधाकर सिंह, पूर्व सांसद अभय कुशवाहा, प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन और पार्टी महासचिव मुकुंद सिंह शामिल थे।
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए सांसद मनोज झा ने कहा कि, “हमने चुनाव आयोग को विस्तार से अपनी बात बताई है। राजद की प्राथमिकता यह है कि बिहार में पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव हो। हमें उम्मीद है कि आयोग हमारी बातों पर सकारात्मक पहल करेगा।”






















