PM Modi Bihar Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को पूर्णिया पहुंच रहे हैं, जहां वे बिहार को 36 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात देंगे। इस दौरान वे पूर्णिया एयरपोर्ट के नए टर्मिनल बिल्डिंग का उद्घाटन करेंगे। सीमांचल और पूर्वोत्तर बिहार के लिए यह एयरपोर्ट रणनीतिक और आर्थिक दृष्टि से अहम माना जा रहा है। दोपहर 2:20 बजे पीएम मोदी का कार्यक्रम निर्धारित है, जिसे लेकर पूरे क्षेत्र में राजनीतिक सरगर्मी चरम पर है।
पीएम मोदी के पूर्णिया दौरे से पहले तेजस्वी यादव ने पूछे सवाल
पीएम मोदी के दौरे से पहले ही विपक्ष और क्षेत्रीय नेताओं ने बयानबाजी तेज कर दी है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने जहां मोदी सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया, वहीं पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने इस एयरपोर्ट उद्घाटन को जनता के संघर्ष की जीत बताया। उन्होंने कहा कि “हमने सपना देखा था और विश्वास जताया था, वह आज पूरा हो रहा है। मैंने एक साल में अपने सभी वादे पूरे किए हैं। चाहे वंदे भारत ट्रेन हो, नई रेलवे लाइन की शुरुआत हो, एक्सप्रेसवे हो या पूर्णिया एयरपोर्ट—हर वादा निभाया गया है।”
पप्पू यादव ने केंद्र सरकार और पीएम मोदी को समर्थन के लिए धन्यवाद दिया, लेकिन साथ ही कई गंभीर सवाल भी खड़े किए। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि दशकों तक सत्ता में रहने वाले नेताओं ने अपने क्षेत्र का हाल नहीं सुधारा और अब एयरपोर्ट का श्रेय लेने दौड़ लगा रहे हैं। उनका कहना है कि एयरपोर्ट से न सिर्फ व्यापार को बल मिलेगा बल्कि शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में भी क्रांतिकारी सुधार होगा। युवाओं के लिए बड़े शहरों तक सीधी उड़ानें अब पढ़ाई और रोजगार की राह आसान बनाएंगी।
PM Modi Bihar Visit: पूर्णिया एयरपोर्ट उद्घाटन पर रोहिणी आचार्य का वार.. याद दिलाये पुराने वादे
उन्होंने यह भी कहा कि अगर सचमुच एनडीए के नेता बिहार की भलाई चाहते हैं, तो उन्हें विशेष राज्य का दर्जा और विशेष पैकेज की मांग करनी चाहिए। यह मुद्दा नीतीश कुमार ने भी उठाया था और इसी नाम पर वोट भी मांगे गए, लेकिन आज तक इसका हल नहीं निकला। पप्पू यादव ने कहा कि अब जबकि पीएम खुद बिहार में मौजूद हैं, तो यह सबसे उपयुक्त अवसर है कि राज्य को विशेष राज्य का दर्जा मिले।
तेजस्वी यादव और पप्पू यादव दोनों के बयानों से साफ है कि पूर्णिया एयरपोर्ट उद्घाटन केवल विकास का प्रतीक नहीं बल्कि राजनीतिक जंग का भी केंद्र बन गया है। एक ओर केंद्र और एनडीए इसे मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि बता रहे हैं, तो दूसरी ओर विपक्ष इसे जनता के संघर्ष और अधूरे वादों का आईना बताने में जुटा है। आने वाले चुनावी समीकरणों में यह मुद्दा कितना असर डालेगा, यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन फिलहाल सीमांचल की सियासत इस एयरपोर्ट से सीधे जुड़ चुकी है।






















