Bochaha Vidhan Sabha 2025: मुजफ्फरपुर जिले की बोचहा विधानसभा सीट (निर्वाचन क्षेत्र संख्या 91) बिहार की राजनीति में हमेशा से ही सुर्खियों में रही है। यह सीट सिर्फ एक राजनीतिक क्षेत्र भर नहीं बल्कि कई नेताओं के राजनीतिक करियर की धुरी भी रही है। कभी रमई राम का गढ़ कही जाने वाली यह सीट अब हर चुनाव में नए समीकरण गढ़ रही है। यही वजह है कि 2025 का विधानसभा चुनाव यहां और भी दिलचस्प होने वाला है।
चुनावी इतिहास
बोचहा की राजनीतिक यात्रा पर नजर डालें तो 1977 में जनता पार्टी के कपिलदेव ठाकुर ने इस सीट से जीत दर्ज की थी। इसके बाद 1980 और 1995 में सीपीआई के अब्दुल सलाम, 1985 और 1990 में कांग्रेस उम्मीदवारों ने कब्जा जमाया। 2000 में भाजपा के विजय कुमार मिश्रा ने जीत दर्ज की, जबकि 2005 में राजद के रामनिवास प्रसाद ने सीट अपने नाम की। साल 2010 में जेडीयू के टिकट पर रमई राम विजयी हुए, जिससे यह सीट उनके प्रभाव का पर्याय बन गई थी।
2015 के विधानसभा चुनाव ने बोचहा की राजनीति का रुख बदल दिया। यहां से निर्दलीय उम्मीदवार बेबी कुमारी ने रमई राम को 24 हजार से अधिक वोटों के अंतर से हराकर चौंका दिया। इस चुनाव में बेबी कुमारी को 40.67% वोट मिले जबकि आरजेडी उम्मीदवार रमई राम को महज 26.18% वोटों पर संतोष करना पड़ा।
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2020 में यह सीट राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के खाते में गई। वीआईपी प्रत्याशी मुसाफिर पासवान ने आरजेडी के रमई राम को 11,268 वोटों से मात दी। मुसाफिर पासवान को 42.62% वोट मिले, जबकि आरजेडी को 36.45% वोट हासिल हुए।
हालांकि, 2022 के उपचुनाव में परिस्थितियां पूरी तरह बदल गईं। मुसाफिर पासवान के निधन के बाद हुए उपचुनाव में राजद उम्मीदवार अमर कुमार पासवान ने भाजपा समर्थित बेबी कुमारी को 36,500 से अधिक वोटों के बड़े अंतर से शिकस्त दी। राजद के हिस्से 82,562 वोट आए, जबकि भाजपा की बेबी कुमारी को 45,909 वोटों पर ही संतोष करना पड़ा।
जातीय समीकरण
बोचहा विधानसभा का जातीय समीकरण भी यहां की राजनीति को निर्णायक मोड़ देता है। यादव, भूमिहार और पासवान समुदाय यहां की राजनीति का आधार रहे हैं। 2022 के उपचुनाव में यादव और भूमिहार वर्ग का झुकाव राजद की ओर रहा, जिससे भाजपा को करारी हार मिली। वहीं, आंकड़ों पर नजर डालें तो 2011 की जनगणना के अनुसार इस क्षेत्र की कुल आबादी 4,25,473 है, जिनमें 96.45% ग्रामीण और 3.55% शहरी जनसंख्या है। कुल मतदाताओं की संख्या 2,54,247 है, जिनमें पुरुष मतदाता 53.16% और महिला मतदाता 46.84% हैं।
स्पष्ट है कि बोचहा सीट पर मतदाता हर चुनाव में नए समीकरण गढ़ते हैं। कभी यह सीट एक परिवार और एक नेता के प्रभाव में रही, लेकिन हाल के चुनावों में मतदाताओं ने जातीय और पारंपरिक दायरे से बाहर जाकर परिणाम दिए हैं। यही कारण है कि 2025 में यहां मुकाबला और भी कड़ा होगा। राजद, भाजपा और अन्य दल इस सीट को हर हाल में अपने पाले में करना चाहेंगे, क्योंकि यह सीट उत्तर बिहार की राजनीति की दिशा और दशा तय करने की क्षमता रखती है।






















