Supriya Shrinate: सुप्रीम कोर्ट की हालिया टिप्पणी के बाद बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने राज्य की मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग और राज्य सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि विशेष पुनरीक्षण (Special Intensive Revision-SIR) के नाम पर चार लाख नए मतदाताओं को सूची में शामिल किया गया है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इन नए मतदाताओं में मात्र 27 प्रतिशत ही 18 से 20 साल की आयु के हैं। बाकी सभी की उम्र इससे अधिक बताई गई है, जिनमें कई ऐसे भी हैं जिनकी आयु 100 वर्ष से ज्यादा दर्ज है।
सुप्रिया श्रीनेत ने यह भी दावा किया कि 58 प्रतिशत नए नामों पर आपत्ति जताई जा चुकी है, फिर भी इन्हें सूची से नहीं हटाया गया। उनके अनुसार यह पूरा मामला बिहार में होने वाले आगामी चुनावों को प्रभावित करने की साजिश का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि सुनियोजित चुनावी धोखाधड़ी का संकेत है।
कांग्रेस नेता ने सवाल उठाया कि जब सुप्रीम कोर्ट भी इस प्रक्रिया पर टिप्पणी कर चुका है तो आखिर चुनाव आयोग अब तक कठोर कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा। उनका कहना है कि बिहार की मतदाता सूची में इस तरह की गड़बड़ियां लोकतंत्र की जड़ को कमजोर कर रही हैं। सुप्रिया श्रीनेत ने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की कि पूरे मामले की स्वतंत्र जांच कराई जाए ताकि दोषियों को सजा मिल सके और मतदाता सूची पूरी तरह पारदर्शी बनाई जा सके।






















