बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) का काउंटडाउन शुरू हो चुका है और इसी के साथ राजनीतिक हलचल भी तेज़ हो गई है। कांग्रेस पार्टी ने इस बार अपनी चुनावी रणनीति को पहले से कहीं ज्यादा आक्रामक और संगठित करने का फैसला किया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को बिहार इलेक्शन कमेटी का गठन किया, जिसकी पहली बैठक 18 सितंबर को पटना में दोपहर 1 बजे होगी। इस कमेटी में प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम समेत कई दिग्गज नेता शामिल हैं, जो उम्मीदवारों के चयन और सीट शेयरिंग की रूपरेखा तैयार करेंगे। इसके बाद 24 सितंबर को विस्तारित कार्यसमिति की अहम बैठक होगी, और फिर 26 सितंबर को प्रियंका गांधी का बिहार दौरा तय है।
कांग्रेस का मकसद साफ है—एनडीए सरकार को सीधे चुनौती देना और विपक्षी गठबंधन में अपनी स्थिति को मजबूत करना। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस इस बार बिहार में 50 से अधिक सीटों पर दावेदारी करने की तैयारी कर रही है। सीट बंटवारे को लेकर होने वाली चर्चा में राजद और वाम दलों के साथ तालमेल पर अंतिम मुहर लग सकती है।
तेजस्वी यादव ने शुरू की ‘बिहार अधिकार यात्रा’.. एक दिन में पांच रैलियां, CM नीतीश के गढ़ में गरजे
इस बीच, कांग्रेस ने जनता से सीधा जुड़ाव बढ़ाने के लिए एक महीने लंबा जनसंपर्क अभियान शुरू किया है। ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ नामक इस अभियान के जरिए पार्टी 5 करोड़ हस्ताक्षर जुटाने की योजना बना रही है। इन हस्ताक्षरों को चुनाव आयोग और राष्ट्रपति को सौंपा जाएगा। इस जनजागरण अभियान का लक्ष्य सत्ताधारी गठबंधन की नीतियों के खिलाफ जनमत तैयार करना और कांग्रेस के वादों—रोजगार, शिक्षा और सामाजिक न्याय—को आम जनता तक पहुंचाना है।
प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने सभी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि वे जिला, प्रखंड और मंडल स्तर पर इस अभियान को तेज़ करें और गांव-गांव जाकर लोगों को जोड़ें। इससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भी उत्साह देखने को मिल रहा है और पार्टी संगठनात्मक स्तर पर मजबूती की दिशा में कदम बढ़ा रही है।
कांग्रेस की चुनावी रणनीति को धार देने के लिए प्रियंका गांधी 26 सितंबर को पूर्णिया में विशाल जनसभा को संबोधित करेंगी। यह दौरा न केवल सीमांचल में कांग्रेस की पकड़ मजबूत करने का प्रयास है, बल्कि यह तेजस्वी यादव की ‘बिहार अधिकार यात्रा’ का सीधा जवाब भी माना जा रहा है। पूर्णिया का यह शो-ऑफ कांग्रेस के लिए बेहद अहम है, क्योंकि यहां मुस्लिम और पिछड़ा वर्ग मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं। प्रियंका गांधी अपने भाषण में बेरोजगारी, महंगाई और सामाजिक असमानता जैसे मुद्दों पर एनडीए को घेरने का प्रयास करेंगी।






















