Amit Shah Bihar Visit बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का माहौल गर्माने लगा है और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सबसे बड़े रणनीतिकार और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने राज्य में एंट्री ले ली है। गृह मंत्री के रूप में नहीं, बल्कि पार्टी के चुनावी मैनेजर के तौर पर उनका यह पहला दौरा है। कयास लगाए जा रहे थे कि शाह का यह दौरा सीट बंटवारे पर चर्चा और प्रत्याशियों के चयन का संकेत देगा, लेकिन हकीकत यह है कि शाह का मुख्य एजेंडा संगठन की मजबूती और एनडीए सहयोगियों के साथ तालमेल बनाए रखना है।
शाह की इस यात्रा का असली फोकस दो अहम बैठकें हैं। पहली बैठक सासाराम के डेहरी-ऑन-सोन के ललन सिंह स्टेडियम में होगी, जिसमें रोहतास, कैमूर, बक्सर, भोजपुर, गया, जहानाबाद, अरवल, नवादा और औरंगाबाद के भाजपा नेता शामिल होंगे। यहां सांसदों, विधायकों, विधान पार्षदों और संगठन पदाधिकारियों को बुलाया गया है। दूसरी बैठक बेगूसराय के रिफाइनरी टाउनशिप खेल मैदान में होगी, जहां बेगूसराय के अलावा पटना महानगर, पटना ग्रामीण, बाढ़ पटना, नालंदा, शेखपुरा, मुंगेर, जमुई, लखीसराय और खगड़िया के नेताओं से संवाद होगा।
शाह इन बैठकों में दो प्रमुख संदेश देंगे—पहला, केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाना और चुनावी लाभ में बदलना; दूसरा, गठबंधन के भीतर समन्वय की किसी भी कमी को दूर करना। पिछले दिनों एनडीए सम्मेलनों में गुटबाजी और हंगामे की खबरों ने पार्टी को असहज कर दिया था, और शाह का यह दौरा उसी संदर्भ में देखा जा रहा है।
दिलचस्प बात यह है कि शाह इस बार प्रत्याशियों के नाम या सीट बंटवारे पर बात करने के मूड में नहीं हैं। वह मौजूदा विधायकों की रिपोर्ट कार्ड जरूर खंगालेंगे और उनके कामकाज पर संगठन की राय लेंगे। इसका सीधा संदेश है कि बीजेपी चुनाव की तैयारियों को चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ा रही है—पहले संगठन को एकजुट करना, फिर सहयोगियों के साथ सामंजस्य बैठाना और अंत में उम्मीदवारों पर अंतिम मुहर लगाना।
अमित शाह की बिहार यात्रा से यह साफ है कि बीजेपी 2025 का चुनाव सिर्फ गठबंधन राजनीति पर नहीं, बल्कि मजबूत संगठन और चुनावी मैनेजमेंट के दम पर लड़ने की रणनीति बना रही है। शाह का यह संदेश कार्यकर्ताओं से लेकर सहयोगी दलों तक जाएगा कि बिहार में जीत के लिए अनुशासन, समन्वय और योजनाओं की सही मार्केटिंग ही असली हथियार होंगे।






















