बेगूसराय से सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने एक बार फिर विपक्षी दलों पर तीखा वार किया है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की यात्रा को पूरी तरह नकारते हुए इसे जनता से जुड़ाव का अभियान मानने से इंकार किया और सीधे तौर पर इसे कांग्रेस-राजद के बीच शक्ति प्रदर्शन करार दिया। गिरिराज सिंह ने साफ कहा कि इस यात्रा का बिहार की आम जनता की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि यह सिर्फ राजनीतिक ताकत दिखाने की कवायद है।
बेगूसराय में मीडिया से बातचीत के दौरान गिरिराज सिंह ने कहा कि चाहे जहानाबाद हो या बेगूसराय, इस यात्रा का मकसद जनता की तकलीफें समझना या उनका समाधान करना नहीं है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के बीच तालमेल की कमी साफ झलक रही है और यही इस यात्रा की असलियत को सामने लाती है। गिरिराज सिंह ने तीखे अंदाज में कहा कि “राहुल गांधी ने तेजस्वी को कभी स्वीकार ही नहीं किया। यह महज यह दिखाने की कोशिश है कि कौन बड़ा है और किसकी ताकत ज्यादा है। इसमें जनता का न तो कोई फायदा है और न ही किसी को कोई राजनीतिक लाभ मिलने वाला है।”
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तेजस्वी यादव पर व्यक्तिगत हमला करते हुए गिरिराज सिंह ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि यह पूरी तरह ‘थेथर राजनीति’ है। उन्होंने पूर्णिया एयरपोर्ट और चरवाहा विश्वविद्यालय का उदाहरण देते हुए तेजस्वी पर खोखले वादे करने का आरोप लगाया। गिरिराज सिंह ने कहा कि बिहार की जनता अब जुमलों और नारेबाजी से तंग आ चुकी है और अब लोग केवल विकास और ठोस काम चाहती है।
केंद्रीय मंत्री ने इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए तेजस्वी पर हमला और तेज कर दिया। उन्होंने राघोपुर का पुल बनने का उदाहरण दिया और कहा कि लालू प्रसाद यादव के 15 साल के शासनकाल में यह काम अधूरा रहा, जबकि नीतीश कुमार ने इसे पूरा किया। उन्होंने भावुक अंदाज में कहा कि उस पुल के निर्माण से पहले लोग बीमारी और आपात स्थिति में रास्ते में ही जान गंवा देते थे, लेकिन आज वहां की महिलाएं नीतीश कुमार को धन्यवाद देती हैं।
गिरिराज सिंह ने तेजस्वी यादव को चुनौती देते हुए कहा कि यदि राजद ने रोजगार और विकास के नाम पर कोई ठोस काम किया है तो उसका सबूत दें। उन्होंने कहा कि सिर्फ खोखली दलीलें देकर जनता को भ्रमित करना अब संभव नहीं है क्योंकि नीतीश कुमार ने बुनियादी ढांचे और विकास कार्यों से बिहार को नई दिशा दी है।






















