अररिया जिले के नरपतगंज में एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन (Narpatganj NDA Conference Protest) शनिवार को भारी हंगामे और नारेबाजी के बीच सुर्खियों में आ गया। प्रखंड मुख्यालय स्थित हाई स्कूल स्टेडियम मैदान में आयोजित इस सम्मेलन में स्थानीय विधायक जयप्रकाश यादव को मंच पर चढ़ते ही दर्जनों कार्यकर्ताओं के तीखे विरोध का सामना करना पड़ा। “जयप्रकाश हटाओ, नरपतगंज बचाओ” और “जयप्रकाश यादव मुर्दाबाद” जैसे नारों से पूरा मैदान गूंज उठा।
विरोध करने वाले कार्यकर्ताओं का आरोप था कि विधायक जयप्रकाश यादव ने अपने कार्यकाल में कोई उल्लेखनीय काम नहीं किया और क्षेत्र विकास से वंचित रह गया। नाराज कार्यकर्ता बैनर-पोस्टर के साथ पहुंचे थे, जिन पर लिखा था—“जयप्रकाश हटाओ, नरपतगंज बचाओ।” माहौल तब बिगड़ गया जब विधायक समर्थकों ने विरोधियों को चुप कराने की कोशिश की। इससे गुस्साए लोगों ने कुर्सियां फेंकनी शुरू कर दीं और देखते-देखते भगदड़ मच गई। इस अफरातफरी में एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे तत्काल इलाज के लिए ले जाया गया।
हालात बिगड़ते देख मौके पर मौजूद फारबिसगंज एसडीओ रंजीत कुमार रंजन और एसडीपीओ मुकेश कुमार साहा ने पुलिस बल की मदद से भीड़ को नियंत्रित किया। करीब 150 की संख्या में जुटे असंतुष्ट कार्यकर्ताओं को मैदान से बाहर खदेड़ा गया।
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विरोध के बीच विधायक जयप्रकाश यादव ने अपने संबोधन में कहा कि विरोध करने से समस्याओं का समाधान नहीं होता। उन्होंने दावा किया कि उनके कार्यकाल में नरपतगंज विधानसभा क्षेत्र में जितना विकास कार्य हुआ है, उतना पहले कभी नहीं हुआ। साथ ही उन्होंने असंतुष्ट कार्यकर्ताओं से समस्याएं खुलकर रखने की अपील की।
इस घटनाक्रम पर सांसद प्रदीप सिंह ने भी सख्त लहजा अपनाया। उन्होंने कहा कि “हंगामा करने से किसी को टिकट नहीं मिलेगा। यह पार्टी तय करेगी कि किसे प्रत्याशी बनाना है। विरोध के पीछे कौन है, इसकी जानकारी पार्टी नेतृत्व को है।”
सम्मेलन में हंगामा यहीं खत्म नहीं हुआ। नरपतगंज नगर पंचायत के वार्ड संख्या 20 से आई महादलित बस्ती की महिलाएं और पुरुष हाथों में तख्ती लिए पहुंचे। उन्होंने नारेबाजी करते हुए कहा—“सड़क नहीं तो अमृत भारत में विकास नहीं।” ग्रामीणों का आरोप था कि उनकी बस्ती तक जाने वाली एकमात्र सड़क जर्जर हो चुकी है, बरसात में वहां कीचड़ और जलजमाव हो जाता है, जिससे वे घर से बाहर निकलने में असमर्थ हो जाते हैं। उनका कहना था कि पांच सौ की आबादी के बावजूद सड़क सुविधा से वंचित रहना बड़ा अन्याय है।






















