पटना में शनिवार को केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने विपक्षी दलों पर तीखा हमला बोला और कई बड़े राजनीतिक बयान दिए। उन्होंने सबसे पहले बिहार के 2005 से पहले के दौर को याद करते हुए लालू प्रसाद यादव के शासनकाल को “लुटेरों की सरकार” करार दिया। गिरिराज सिंह ने कहा कि उस समय व्यवसायियों को खुलेआम लूटा जाता था और मजबूर होकर उन्हें बिहार से पलायन करना पड़ता था। उनके अनुसार, लालू राज में भय, भ्रष्टाचार और अराजकता चरम पर थी, जबकि नीतीश कुमार के आने के बाद हालात में सुधार हुआ।
गिरिराज सिंह ने विपक्ष पर संविधान को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव बार-बार संविधान पर खतरे की बात कर जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि असल में उनके राजनीतिक परिवार का अस्तित्व ही खतरे में है। उन्होंने दावा किया कि राहुल गांधी जानबूझकर नेपाल हिंसा का हवाला देकर लोगों को भड़काने की रणनीति अपना रहे हैं।
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मुस्लिम समाज और घुसपैठियों के मुद्दे पर भी गिरिराज सिंह ने कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि कुछ मौलवी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ फतवा जारी करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अगर ऐसा हुआ तो मंदिरों से भी जवाब मिलेगा। उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पूरे बिहार में रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों को बसाने की साजिश की जा रही है, जिसमें मस्जिदों की भूमिका है। सिंह ने साफ चेतावनी दी कि अगर एनडीए की सरकार सत्ता में आती है तो सभी घुसपैठियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।
राहुल गांधी के करीबी और सलाहकार सैम पित्रोदा पर भी गिरिराज सिंह ने हमला किया। उन्होंने कहा कि सैम पित्रोदा ही राहुल गांधी के “चाणक्य” हैं और राहुल उन्हीं की भाषा बोलते हैं। उन्होंने पित्रोदा पर पाकिस्तान को लेकर नर्म रुख अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि जो पाकिस्तान को अपना घर कहे, वह देशद्रोही की श्रेणी में आएगा।






















