[Team insider] भाषा संघर्ष समिति की ओर से आयोजित रन फॉर 1932 खतियान बोकारो से चलकर रविवार को धनबाद पहुंची उससे पहले बलियापुर स्थित बिनोद धाम में युवाओं ने बिनोद बाबू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और उसके बाद रणधीर वर्मा चौक पहुंच सभा मे तब्दील हो गया।
22 साल का हो गया है झारखंड़
मीडिया से बात करते हुए छात्र नेता जयराम महतो ने कहा कि झारखंडी जनमानस अपने हक के लिए खतियान आधारित स्थानीय नीति और खतियान आधारित विस्थापन नीति लागू करने की मांग को लेकर यह आयोजन लड़ रहा है। खतियान आधारित नियोजन और स्थानीय नीति, उद्योग नीति लागू करने के लिए झारखंड दौड़ रहा है। राज्य 22 साल का हो गया। झारखंड का युवा जवान हो गया। अब लड़ाई सीधे झारखंड की सरकार से है। जब तक सरकार खतियान नीति मान नहीं लेती है, तब तक लोग मानने वाले नहीं हैं।
मजदूरी के लिए पलायन कर रही हैं लोग
राज्य के कोयला, बालू, पत्थर पर चंद बाहरी लोगों का कब्जा है, वह लाखों कमा रहे हैं और हमारे भाई बंधु और माताएं मजदूरी के लिए पलायन कर रही हैं।