Bihar Election 2025: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की “कलम बांटने” की मुहिम अब विवाद का कारण बन गई है। दरअसल, तेजस्वी यादव ने हाल ही में अपनी ‘बिहार अधिकार यात्रा’ के दौरान मोकामा में भीड़ के बीच कलम फेंकते हुए वितरित किया था। इस कदम पर पहले उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव ने सवाल खड़े किए और अब पूर्व सांसद आनंद मोहन ने सीधा हमला बोला है।
आनंद मोहन ने बाढ़ में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि “कलम बांटने और कलम फेंकने में बहुत फर्क है। कलम फेंकना अपमान है, अनादर है और यह अपमान किसी साधारण व्यक्ति ने नहीं बल्कि बिहार के नेता प्रतिपक्ष ने किया है।” उन्होंने तेजस्वी पर तंज कसते हुए इसे उनके पिता लालू प्रसाद यादव की रैलियों की परंपरा से जोड़ दिया। उन्होंने कहा कि जैसे कभी गांधी मैदान में “तेल पिलावन, लाठी घूमावन” रैली होती थी, वैसे ही तेजस्वी यादव अब उसी परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं।
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तेजस्वी यादव के इस कदम पर उनके ही भाई तेज प्रताप यादव ने भी टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि कलम को फेंका नहीं जाता, बल्कि उसे सम्मानपूर्वक बांटा जाता है। तेज प्रताप के अनुसार, कलम ज्ञान और शिक्षा का प्रतीक है और उसका अपमान नहीं होना चाहिए।
हालांकि तेजस्वी यादव ने अपने कदम का बचाव किया और कहा कि मोकामा जैसे क्षेत्र में जहां बंदूक की राजनीति रही है, वहां वे कलम का संदेश लेकर आए हैं। उन्होंने कहा, “लोग यहां बंदूक बांटते हैं, लेकिन तेजस्वी कलम बांटेगा। जब सरकार बनेगी तो जिसके पास डिग्री होगी उसे नौकरी मिलेगी।” तेजस्वी का मकसद बंदूक की राजनीति को चुनौती देना और शिक्षा की ताकत को सामने लाना था। लेकिन भीड़ के बीच से कलम फेंकने की शैली पर सवाल उठते ही यह मुद्दा विपक्ष और परिवार दोनों के निशाने पर आ गया।






















