बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Chunav 2025) नजदीक आते ही राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। इसी कड़ी में आज राजधानी पटना ऐतिहासिक पल का गवाह बनने जा रहा है, जब कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक पहली बार बिहार की धरती पर आयोजित हो रही है। कांग्रेस का कहना है कि यह बैठक केवल चुनावी रणनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी गहन चर्चा होगी। वहीं, एनडीए और भाजपा इसे सीधे आगामी विधानसभा चुनाव से जोड़कर देख रही है और कांग्रेस पर तीखे हमले कर रही है।
कांग्रेस की बिहार इकाई के अध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि सुबह 10 बजे शुरू होने वाली इस बैठक में ‘वोट चोरी’ से लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए टैरिफ जैसे वैश्विक मुद्दों तक पर विमर्श होगा। इससे साफ है कि कांग्रेस इस मंच के जरिए खुद को केवल बिहार ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में प्रासंगिक बनाए रखने की कोशिश कर रही है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन ने कांग्रेस पर व्यंग्य करते हुए कहा कि सीडब्ल्यूसी की बैठक चाहे दिल्ली हो या पटना, नतीजा वही रहेगा—“शून्य सीट।” उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस जनता से कट चुकी है और प्रधानमंत्री पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही है। शाहनवाज का यह बयान कांग्रेस की कमजोर होती जड़ों को उजागर करने की भाजपा की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
उधर, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह बैठक दरअसल दबाव की राजनीति का हिस्सा है। वहीं, जद(यू) के विधान पार्षद नीरज कुमार ने कांग्रेस पर स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान का अपमान करने का आरोप लगाया और कहा कि सीडब्ल्यूसी की बैठक के बहाने कांग्रेस बिहार की अस्मिता से खिलवाड़ कर रही है।
हालांकि, राजद नेता सुधाकर सिंह ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पटना की यह बैठक केवल कांग्रेस ही नहीं, बल्कि पूरे ‘इंडिया’ गठबंधन के लिए सकारात्मक संदेश लेकर आएगी। उनका मानना है कि विपक्षी एकजुटता को मजबूत करने के लिहाज से यह कदम निर्णायक साबित हो सकता है।






















