पटना में भारतीय जनता पार्टी की जिलावार कोर कमिटी बैठक (BJP Core Committee Bihar) का आज दूसरा दिन है और माहौल पूरी तरह चुनावी रणनीति के इर्द-गिर्द सिमटा हुआ है। उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के सरकारी आवास पर आयोजित इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद हैं। आज कुल 14 जिलों के नेताओं के साथ विस्तार से चर्चा की जा रही है और विधानसभा प्रत्याशियों के नामों पर फीडबैक लिया जा रहा है। इससे पहले, कल पहले दिन 26 जिलों के नेताओं के साथ पार्टी की बैठक हुई थी, जिसमें जिला स्तर से उम्मीदवारों के नामों पर गंभीर विमर्श हुआ था।
बीजेपी इस बार उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया को बेहद सुनियोजित तरीके से आगे बढ़ा रही है। पार्टी की रणनीति साफ है कि हर जिले से रायशुमारी के आधार पर संभावित उम्मीदवारों की सूची तैयार की जाए और फिर अंतिम निर्णय शीर्ष नेतृत्व के स्तर पर हो। यही वजह है कि बैठकों को चरणबद्ध तरीके से दो समूहों में आयोजित किया गया है। पहले दिन दो अलग-अलग समूहों में 12-12 जिलों के नेताओं से विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।
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बैठक में पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा ने सुझाव दिया कि मौजूदा विधायकों को दोबारा टिकट दिया जाना चाहिए और जहां पहले गलती हुई थी, वहां भी उसी उम्मीदवार को दोबारा मौका देकर सुधार का रास्ता निकाला जाए। दिलचस्प बात यह रही कि इस सुझाव पर अधिकांश नेता सहमत दिखे। वहीं, मंत्री राजू सिंह का कहना था कि संगठन की इन बैठकों में केवल टिकट बंटवारे पर ही नहीं, बल्कि समग्र चुनावी रणनीति पर गहन चर्चा हो रही है।
पहले दिन की बैठक में एक और महत्वपूर्ण पहलू यह रहा कि जब प्रत्याशियों और वर्तमान विधायकों के नामों पर चर्चा हुई तो संबंधित उम्मीदवारों को बैठक से बाहर जाने को कहा गया। पार्टी का तर्क यह था कि रायशुमारी निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हो सके। यह कदम बताता है कि भाजपा इस बार टिकट वितरण को लेकर किसी भी तरह की अंदरूनी खींचतान को न्यूनतम करने की कोशिश में है।
आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पटना की इस बैठक को भाजपा के अंदरूनी समीकरण तय करने वाली कड़ी माना जा रहा है। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि किन नेताओं को टिकट की हरी झंडी मिलती है और किन्हें निराशा हाथ लगती है।






















