प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री महिला रोज़गार योजना का शुभारंभ किया। इस योजना के तहत राज्य की 75 लाख महिलाओं के बैंक खातों में सीधे 10,000 रुपये की राशि भेजी गई है। कुल मिलाकर 7,500 करोड़ रुपये का हस्तांतरण महिलाओं के खातों में किया गया। यह कार्यक्रम न केवल आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, बल्कि इसे महिलाओं की आत्मनिर्भरता और सामाजिक सम्मान से भी जोड़ा जा रहा है।
इस अवसर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी मौजूद रहे। सम्राट चौधरी ने इसे महिला शक्ति के सम्मान और उनकी आर्थिक आज़ादी की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह राशि केवल आर्थिक मदद नहीं है बल्कि महिलाओं को अपने सपनों को साकार करने का अवसर देगी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कार्यक्रम में विपक्ष पर तीखा हमला बोला और कहा कि पिछली सरकारों ने महिलाओं के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि “हम पूरे बिहार की चिंता करते हैं, किसी एक परिवार की नहीं।” नीतीश कुमार का यह बयान आरजेडी और लालू परिवार पर सीधा राजनीतिक तंज माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में इसे महिलाओं की प्रगति और सशक्तिकरण से जोड़ते हुए कहा कि जब बेटियां रोजगार करती हैं तो उनके सपनों को नए पंख लगते हैं और समाज में उनका सम्मान और बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि पहले के दौर में दिल्ली से भेजे गए पैसे बीच में ही “लूट” लिए जाते थे, लेकिन अब जो राशि सीधे बैंक खातों में पहुंची है, उसे कोई छू नहीं सकता।
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मोदी ने इसे केंद्र सरकार की लखपति दीदी योजना से भी जोड़ा और कहा कि देशभर में अब तक 2 करोड़ से ज्यादा महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि बिहार इस अभियान में सबसे आगे रहेगा और आने वाले समय में देश की सबसे ज्यादा “लखपति दीदी” बिहार से होंगी।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने आरजेडी के शासनकाल को अराजकता और भ्रष्टाचार का दौर बताया। उन्होंने कहा कि उस समय टूटी-फूटी सड़कों और पुलों की कमी से सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को उठानी पड़ती थी। गर्भवती महिलाएं समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाती थीं और उन्हें इलाज नहीं मिल पाता था। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने इन कठिन परिस्थितियों को बदलने के लिए लगातार काम किया है।
मोदी ने हाल ही में घटाई गई GST दरों का भी जिक्र किया और कहा कि अब साबुन, घी, खाने-पीने की चीजें और दंतमंजन जैसी रोज़मर्रा की ज़रूरी वस्तुएं पहले से सस्ती हो गई हैं। उन्होंने कहा कि घर और रसोई का बजट संभालने वाली महिलाओं के लिए यह एक बड़ी राहत है।
















