नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव (Tejashwi Yadav) ने रविवार को नीतीश कुमार सरकार पर भ्रष्टाचार को लेकर सबसे बड़ा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया है कि राज्य में कोई ऐसा विभाग नहीं बचा जहां घोटाले न हुए हों, और यह सिलसिला शीर्ष स्तर तक फैला हुआ है — मंत्री से लेकर अफसर तक सब लिप्त हैं। पटना स्थित अपने सरकारी आवास, एक पोलो रोड पर आयोजित प्रेस वार्ता में तेजस्वी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अब चुप्पी तोड़नी चाहिए और इन गंभीर आरोपों पर खुलकर सफाई देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार अब व्यवस्था का हिस्सा बन चुका है, और इसका संचालन कुछ चुनिंदा अफसरों और मंत्रियों की मिलीभगत से हो रहा है।
तेजस्वी ने ‘डीके गिरोह’ का जिक्र करते हुए कहा कि यह वही अधिकारी वर्ग है, जिसने पिछले चुनाव में महागठबंधन को सत्ता में आने से रोका था। इस बार जनता सतर्क है, और यदि विपक्ष को जनसमर्थन मिला, तो ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई तय है। उन्होंने इशारा किया कि ये अफसर अपने रसूखदार रिश्तेदारों के नाम पर देश-विदेश में संपत्तियां खरीद रहे हैं और करोड़ों की ब्लैक मनी का निवेश कर रहे हैं।
तेजस्वी ने यह भी कहा कि ईडी और सीबीआई जैसी जांच एजेंसियां केंद्र सरकार के अधीन हैं, फिर भी अब तक इन मंत्रियों और अफसरों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई? उन्होंने सवाल उठाया कि जब प्रधानमंत्री खुद अपने भाषणों में 31 घोटालों का जिक्र करते हैं, तो फिर दोषियों पर चुप्पी क्यों? उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष जब सवाल उठाता है तो उसी पर एजेंसियों की कार्रवाई शुरू हो जाती है, जबकि असली भ्रष्टाचारियों को बचाया जा रहा है।
तेजस्वी ने जन सुराज अभियान के प्रशांत किशोर का हवाला देते हुए कहा कि वो पहले ही कई मंत्रियों — जैसे अशोक चौधरी, मंगल पांडे, सम्राट चौधरी और भाजपा नेताओं — के खिलाफ भ्रष्टाचार के सबूत सामने रख चुके हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि आने वाले दिनों में उनके पास मौजूद दस्तावेजी सबूतों के साथ कई और खुलासे होंगे।






















