बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) का काउंटडाउन शुरू होते ही सियासी गलियारों में बयानबाजी का पारा चढ़ने लगा है। इस बार की राजनीतिक गर्मी में नया तड़का मीनापुर से राजद विधायक राजीव कुमार उर्फ मुन्ना यादव के ताजा बयान ने लगा दिया है। उनका कहना है कि बिहार में वही होने वाला है जो महाराष्ट्र की राजनीति में हाल के वर्षों में देखा गया था – सत्ता का अप्रत्याशित खेला, गठबंधन का चरमराना और पार्टी की विचारधारा से अलग जाकर सत्ता की नई परिभाषा गढ़ना।
राजद विधायक का दावा है कि बीजेपी ने जेडीयू को ‘हाइजैक’ करने की पूरी रणनीति तैयार कर ली है। उनका कहना है कि जेडीयू में बीजेपी अपने वफादार नेताओं को धीरे-धीरे फिट कर चुकी है, जबकि जो नेता अब भी पार्टी की मूल विचारधारा से जुड़े हैं, उन्हें योजनाबद्ध तरीके से किनारे किया जा रहा है। मुन्ना यादव का यह आरोप इस ओर इशारा करता है कि चुनाव के बाद जेडीयू की स्वतंत्रता समाप्त हो सकती है और नीतीश कुमार नाम मात्र के मुख्यमंत्री बनकर रह जाएंगे – वही दृश्य जो महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के साथ हुआ।
पटना में राजद का पोस्टर वार, पोस्टर में लिखा मुझे बिहार के हर एक व्यक्ति से प्यार है।
मुन्ना यादव ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अब लड़ाई त्रिकोणीय नहीं रही। उनके अनुसार 2025 का विधानसभा चुनाव दो ध्रुवीय हो चुका है – एक ओर राष्ट्रीय जनता दल और तेजस्वी यादव, और दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी। जेडीयू को वह इस संघर्ष में पूरी तरह अप्रासंगिक मानते हैं। उनका कहना है कि जेडीयू अब सिर्फ एक माध्यम है, जो चुनाव के बाद बीजेपी की स्क्रिप्ट को लागू करेगा।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार बिहार की योजनाओं का श्रेय खुद लेने की कोशिश कर रही है। खासतौर पर 75 लाख महिलाओं को मिलने वाले लाभ को लेकर उन्होंने कहा कि यह योजना राज्य सरकार की है, लेकिन उसे केंद्र की ‘मन की बात’ में शामिल कर बीजेपी राजनीतिक लाभ उठाना चाह रही है।






















